नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा विरोध बढ़ता ही जा रहा है। मलयाली पंचांग के पवित्र महीने ‘वृश्चिकम’ के पहले दिन शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने आज यहां भगवान अयप्पा के दर्शन किए। हिंदू एक्यावेदी की महिला नेता को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिए जाने के खिलाफ बुलाई गई 12 घंटे की हड़ताल के बावजूद मंदिर के तड़के तीन बजे खुलने के बाद से बच्चों समेत बड़ी संख्या में तीर्थयात्री कतारों में लगे दिखाई दिए। मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने पर जारी गतिरोध के बीच दो महीने लंबी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए शुक्रवार शाम को फिर से मंदिर खुला। मुख्य पुजारी वासुदेवन नम्पूथिरी की निगरानी में आज सुबह नियमित पूजा शुरू हुई।
केरल राज्य परिवहन निगम के सूत्रों ने बताया कि अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच निगम की बसें तीर्थयात्रियों को निलाक्कल से पंबा ला रही हैं और कोई भी बस सेवा नहीं रोकी गई। मंदिर परिसर के समीप दुकानें तथा होटल खुल गए हैं। बहरहाल, हड़ताल के कारण राज्य के अन्य हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। कई इलाकों में बसें और ऑटो रिक्शा सड़कों से नदारद हैं।
हिंदू ऐक्या वेदी एक प्रमुख संगठन है जो सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सभी आयुवर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की इजाजत के खिलाफ भारी विरोध कर रहा है। शशिकला की गिरफ्तारी के बाद सबरीमाला कर्मा समिति ने 12 घंटे का केरल बंद बुलाया है, जो सुबह 6 बजे से शुरू हो गया है। भाजपा भी इस बंद के समर्थन में है। विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष एस. जे. आर. कुमार ने आरोप लगाया कि हिन्दू ऐक्या वेदी प्रदेश अध्यक्ष के. पी. शशिकला को पुलिस ने सबरीमला के निकट माराकोट्टाम से शुक्रवार देर रात करीब ढ़ाई बजे गिरफ्तार किया।
कुमार ने बताया कि वह भगवान की पूजा करने के लिए पूजन सामग्री लेकर पहाड़ी पर चढ़ रही थीं, उसी दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया। कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को भी एहतियातन हिरासत में लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केरल सरकार सबरीमला मंदिर को नष्ट करना चाहती है। विहिप नेता ने कहा कि हड़ताल के दौरान जरूरी सुविधाओं और अयप्पा श्रद्धालुओं के वाहनों को नहीं रोका जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिए जाने के बाद मंदिर तीसरी बार खुला है। शनिवार से शुरू हो रही 2 महीने लंबी तीर्थ यात्रा के लिए मंदिर शुक्रवार को खुला। यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
41 दिनों तक चलने वाला मंडलम उत्सव मंडला पूजा के बाद 27 दिसंबर को संपन्न होगा जब मंदिर को ‘अथाझापूजा’ के बाद शाम को बंद कर दिया जाएगा। यह 30 दिसंबर को मकराविलक्कू उत्सव पर फिर से खुलेगा। मकराविलक्कू उत्सव 14 जनवरी को मनाया जाएगा जिसके बाद मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा।
(भाषा से इनपुट्स के साथ)