हैदराबाद। वरिष्ठ वामपंथी नेता एस सुधाकर रेड्डी ने भाजपा से लड़ने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कांग्रेस और वाम दलों के उनकी पार्टी के साथ हाथ मिलाने की अपील को बृहस्पतिवार को “निरर्थक” करार दिया। बनर्जी ने अपनी इस अपील को बुधवार को विपक्षी कांग्रेस और माकपा के सामने रखा लेकिन दोनों दलों ने उनकी अपील को यह कह कर ठुकरा दिया कि भगवा पार्टी के विस्तार के लिए उनकी नीतियां ही जिम्मेदार हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख अब भी वाम दलों को “दुश्मनों की तरह देखती हैं, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के रूप में नहीं।”
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “पश्चिम बंगाल में वाम दलों के सैकड़ों दफ्तरों पर अब भी तृणमूल का कब्जा है। 100 से अधिक लोग मारे गए। हजारों को उनके गावों से बाहर फेंक दिया गया। अब भी इस तरह के हमले जारी हैं।”
रेड्डी ने कहा कि इस पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री की अपील निरर्थक है। साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी पर वामपंथियों के ऊपर “हमला करने और उसे बर्बाद करने” के भी आरोप लगाए।
रेड्डी ने पूछा, “बड़े पैमाने पर वामपंथियों के खिलाफ हिंसा करने के लिए और सबसे अलोकतांत्रिक तरीके से पश्चिम बंगाल में वाम दलों को कमजोर करने के लिए वह (ममता) जिम्मेदार हैं और अब इस अपील का क्या मतलब है?”
उन्होंने कहा कि वामपंथी पार्टियां भाजपा को “शत्रु” के तौर पर देखती हैं और उसके खिलाफ लड़ना चाहती हैं लेकिन साथ ही वे तृणमूल को भी “प्रतिद्वंद्वी की ही तरह” देखती हैं।”
कोलकाता में राज्य विधानसभा में राज्यपाल के संबोधन पर चर्चा के दौरान बनर्जी ने कहा था कि भाजपा पश्चिम बंगाल में समानांतर सरकार चलाने की कोशिश कर रही है और कांग्रेस एवं माकपा जैसी पार्टियों को इसके खिलाफ लड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस के साथ “हाथ मिलाना” चाहिए।