नयी दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने 27 अगस्त से रूस के दो दिवसीय दौरे की शुरूआत की जहां दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने सहित प्रधानमंत्री की व्लादिवोस्तोक यात्रा की तैयारियों के बारे चर्चा करेंगे। विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद से यह मास्को की उनकी पहली यात्रा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, प्रधानमंत्री मोदी की आगामी व्लादिवोस्तोक यात्रा की तैयारियों का जायजा लेंगे जो 5वें वार्षिक पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप तथा 20वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
इस यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री और रूसी विदेश मंत्री लावरोव की बैठक में दोनों नेता आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। जयशंकर की यह यात्रा चार से छह सितंबर के बीच व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच बैठक से पहले हो रही है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री एस जसशंकर का उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव से मिलने का भी कार्यक्रम है। दोनों भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग-तकनीकी और आर्थिक सहयोग की सह-अध्यक्षता करेंगे।
अपनी यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री भारत-प्रशांत के भारत के परिप्रेक्ष के विषय पर वल्दई चर्चा क्लब की बातचीत में भी भाग लेंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर चर्चा करेंगे। इस दौरान निवेश, सैन्य संबंध, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग, अंतरिक्ष एवं ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी। दोनों पक्षों के बीच एशिया प्रशांत क्षेत्र, संयुक्त राष्ट्र, शांघाई सहयोग संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग के बारे में भी चर्चा होगी। समझा जाता है कि इस दौरान ईरान, अफगानिस्तान से जुड़े विषयों पर चर्चा हो सकती है।
गौरतलब है कि जयशंकर की यात्रा से कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पेट्रूशेव के साथ वार्ता की थी जिसमें दोनों पक्षों ने संप्रभुता,क्षेत्रीय अखंडता और तीसरे पक्षों के गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांतों के समर्थन को रेखांकित किया।रूस ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने पर भारत का समर्थन किया है।