नई दिल्ली: गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल परिसर में हत्या के शिकार हुए सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न के पिता बरुण ठाकुर ने कहा कि उनके बेटे की हत्या मामले में सीबीआई को पिंटो परिवार से पूछताछ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिंटो परिवार रेयान इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक हैं, लिहाजा सीबीआई को उनसे पूछताछ करनी ही चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि मामले में गिरफ्तार 16 वर्षीय छात्र को वयस्क की तरह पेश कर सुनवाई होनी चाहिए। बरुण ठाकुर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "सीबीआई को पिंटो परिवार पर शिकंजा कसना चाहिए। उनसे पूछताछ कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।" उनका कहना था कि पिंटो परिवार को कोई छूट नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि वे शक्तिशाली हैं और उनकी पहुंच ऊंची है।
प्रद्युम्न के पिता ने बताया, "हत्या के इस मामले में उन्हें सजा होनी ही चाहिए क्योंकि इससे पहले रेयान ग्रुप के ही स्कूल के अन्य ब्रांच में दो बच्चों की मौत की घटनाओं में वे बच गए हैं।" प्रद्युम्न हत्याकांड की तहकीकात कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने मामले में रेयान ग्रुप के सीईओ रेयान अगस्टाइन पिंटो, रेयान स्कूल के संस्थापक फ्रांसिस अगस्टाइन पिंटो, ग्रेस पिंटो की ओर से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया था। हालांकि उच्च न्यायालय ने 5 दिसंबर तक के लिए इनकी अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है।
बरुण ठाकुर ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर से पिंटो परिवार को दी गई अंतरिम जमानत को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। बिहार के मधुबनी के मूल निवासी बरुण ठाकुर ने कहा कि सीबीआई को हत्या के इस मामले में दोषी को सजा दिलवाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए ताकि फिर ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि जांच के घेरे में स्कूल परिसर में बरती गई लापरवाही, चूक व कमियों को भी लाया जाना चाहिए, जिसकी पुष्टि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की जांच में भी हो चुकी है।
बरुण ठाकुर का कहना है कि हत्या का यह मामला चकराने वाला था और अभी भी पेंच बाकी है। सीबीआई की पूरी थ्योरी काूननी तौर पर सही साबित हो क्योंकि आरुषि तलवार मामले के बाद सीबीआई जैसी संस्था की विश्वसनीयता कटघरे में है। उन्होंने कहा, "इस मामले का भी हाल आरुषि हत्याकांड जैसा न हो। हमें इंसाफ चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि मामले में 11वीं के छात्र को मुख्य आरोपी बनाने से पहले सीबीआई ने सभी फोरेंसिक, साइंटिफिक और परिस्थितिजन्य पहलुओं से संबंधित साक्ष्य एकत्र किया होगा।"
हत्या के इस मामले में मुख्य आरोपी के बारे में बरुण ठाकुर ने कहा कि आरोपी लड़का 17 साल का है इसलिए उसे नाबालिग नहीं माना जाना चाहिए। हरियाणा पुलिस की जांच के संबंध में ठाकुर ने कहा कि वह बहुत ही दुखदायी और शर्मनाक स्थिति थी। हरियाणा पुलिस की थ्योरी हमें बिल्कुल अविश्वसनीय लग रही थी। इसलिए हम पहले दिन से ही सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे और इसकी मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय भी पहुंचे थे।
गौरतलब है कि प्रद्युम्न हत्या मामले में घटना के दूसरे ही दिन स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने बुधवार को हत्या की इस गुत्थी को सुलझाने का दावा किया और उसी स्कूल के 11वीं के 16 वर्षीय छात्र को मुख्य आरोपी करार देते हुए उसे गिरफ्तार कर बाल न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया था। जहां से उसे तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया। सीबीआई ने गुरुवार को छात्र को स्कूल ले जाकर क्राइम सीन को रिकंस्ट्रक्ट किया, जिससे पता चल सके कि किस तरह प्रद्युम्न की हत्या की गई।