नई दिल्ली: दिल्ली के पास गुरुग्राम के स्कूल में सात साल के मासूम प्रद्युम्न की हत्या के बाद प्रशासन ने रेयान स्कूल के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है और स्कूल को उस वक्त तक नहीं खोला जाएगा जब तक स्कूल बच्चों की सुरक्षा की गारंटी नहीं देगा। डीएम और डीईओ की एक कमिटी बनाई गई है जो पूरे मामले की जांच करेगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्कूल में मासूमों की मौत कब तक मौत होती रहेगी? दूसरी क्लास में पढ़ने वाले प्रद्युम्न की हत्या के बाद आरोपी स्कूल बस के कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपी कंडक्टर ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है लेकिन उस माता-पिता के बारे में सोचिए जिसके घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। सवाल ये है कि आखिर माता-पिता इतने बड़े स्कूल में अपने बच्चों को क्यों भेजते हैं? मासूम के मर्डर के बाद कल बाकी पेरेंट्स ने स्कूल कैंपस में जमकर हंगामा किया था। आज भी ये पेरेंट्स स्कूल के बाहर जमा हुए हैं और अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं। ये भी पढ़ें: जेल में बंद बाबा नकली, हनीप्रीत के साथ राम रहीम भागा विदेश? जांच में जुटी पुलिस
प्रद्युम्न की मां बार-बार ये सवाल उठा रही है कि सिर्फ पांच मिनट में ही ऐसा क्या हो गया कि उनके बेटे की हत्या कर दी गई। सात साल का प्रद्युम्न स्कूल की दूसरी क्लास में पढ़ता था। अभी अपने बेटे को स्कूल छोड़ने के बाद उसके पिता घर पहुंचे ही थे कि स्कूल से फोन आया कि प्रद्युम्न बाथरूम में गिर गया है। अस्पताल पहुंचो, वहां जाकर पता चला। जब प्रद्युम्न के पिता अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि उनके बेटे की हत्या कर दी गई है।
पुलिस की थ्योरी के मुताबिक सुबह करीब आठ बजे बच्चों को बस से उतारने के बाद कंडक्टर अशोक स्कूल के टॉयलेट में गया था जहां इसने मासूम प्रद्युम्न को देखा। पुलिस कहती है कि अशोक ने प्रद्युम्न के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की लेकिन प्रद्युम्न ने शोर मचा दिया। पकड़े जाने के डर से अशोक ने चाकू से बच्चे का कत्ल कर दिया। अशोक के क्रिमिनल रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं। सीसीटीवी से भी सुराग मिले हैं। स्कूल की लापरवाही की जांच चल रही है।
हत्या पर उठे सवाल
-बच्चों के टॉयलेट में बस कंडक्टर कैसे चला गया?
-कंडक्टर के पास चाकू कहां से आया?
-क्या कंडक्टर पहले से ही हत्या का प्लान बनाकर आया था?
-टॉयलेट के बाहर सफाई कर्मचारी क्यों नहीं था?
-क्या इस हत्या में कंडक्टर के साथ कोई और भी शामिल था?
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के मेंबर ने भी माना कि स्कूल में काफी अनियमितताएं हैं। किसी स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि स्कूल के खिलाफ अबतक केस दर्ज क्यों नहीं हुआ है। क्या मासूम की हत्या के लिए स्कूल जिम्मेदार नहीं है? पूरे मामले पर निगरानी कर रहे डीसीपी कमिश्नरी सिमरदीप सिंह ने आरोपी अशोक की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उधर, डीजीपी बीएस संधु के अनुसार, इस मामले में गुरुग्राम पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है।