प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूस दौरे के फौरन बाद इसका असर भी सामने आ गया है। रूस से बहुत अच्छी खबर आई है। रूस ने कहा है कि वो 18 महीने के अंदर भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम की सप्लाई कर देगा। रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर यूरी बोरिसोव ने पुष्टि की है। इस सिस्टम के बाद पाकिस्तान की गजनवी, शाहीन और हत्फ जैसी कोई भी मिसाईल भारत के आसमान को छू भी नहीं पाएगी।
रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्ट यूरी बोरिसोव ने एक इंटरव्यू में बताया कि एडवांस भुगतान मिल गया है और कड़े तौर पर सहमति का पालन करते हुए सब कुछ तय समय के मुताबिक 18 से 19 महीने के अंदर सौंप दिया जाएगा।
जानिए कितना मारक है मिसाइल सिस्टम
ये वो मिसाइल सिस्टम है जो हवा में ही दुश्मन की मिसाइल को मार गिराता है। ये मिसाइल सिस्टम जहां एक्टिवेट हो जाता है वहां मीलों दूर तक दुश्मन की परछाई भी नहीं पड़ सकती। रूस में बना ये एयर डिफेंस सिस्टम जल्द ही भारतीय सेना का हिस्सा बनने वाला है।
अमेरिका ने किया था एतराज
इससे पहले इस सिस्टम की खरीद में अड़चनें आ रही थीं। अमेरिका को इस डील पर ऐतराज़ था। लेकिन भारत ने साफ कर दिया था कि वो अपनी सुरक्षा और रूस से अपने रिश्तों को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस दौरे पर गए और पीएम के दौरे के 3 दिन के अंदर ही रूस ने वादा कर दिया कि वो तय समय पर मिसाइल सिस्टम भारत को सौंप देगा।
भारत की मजबूत होगी ताकत
भारत की सामरिक ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप आ चुकी है। 8 चॉपर भारत पहुंच चुके हैं कुल 22 आने हैं। वहीं इसी महीने राफेल की डिलीवरी होनी है। जहां हमारी अटैक पावर में धार आ गई है वहीं एस-400 हमारी डिफेंस को इतना मज़बूत कर देगा कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।
आखिर एस-400 इतना घातक कैसे है
पारंपरिक एयर डिफेंस एक ही टारगेट को निशाना बना पाती है जबकि एस-400 एक बार में 100 टारगेट पहचान सकता है। 36 टारगेट पर एक साथ निशाना लगा सकता है। 600 किलोमीटर की रेंज दुश्मन की मिसाइल को पहचान सकता है।
400 किलोमीटर दूर तक दुश्मन की मिसाइल को मार सकता है। 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक मिसाइल और ड्रोन को गिरा सकता है। एस-400 अमेरिका के एयर डिफेंस सिस्टम THAAD से भी ज्यादा घातक है।
पाकिस्तान के चप्पे चप्पे पर नज़र
एस-400 पाकिस्तान के चप्पे चप्पे पर नज़र रख सकता है। इसे केवल पांच मिनट में तैनात किया जा सकता है। दावा तो ये भी किया जाता है कि ये रेडार की पकड़ में भी न आने वाले स्टेल्थ को भी गिरा सकता है। रूस की आर्मी इसे साल 2007 से इस्तेमाल कर रही है। चीन ने भी हाल ही में रूस से ये सिस्टम खरीदा है और अब भारत के पास आने से ये सिस्टम हमारे आकाश को तो सुरक्षित करेगा ही दुश्मन को भी उसके घर में घुसकर मार गिराएगा।