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New coronavirus strain: ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए SOP जारी, करना होगा यह काम

ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए रूप के चलते भारत सरकार सतर्क हो गई है। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'मानक संचालन प्रक्रिया' (एसओपी) जारी की है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 22, 2020 23:32 IST
RT-PCR test on arrival, separate isolation for COVID positive cases: Centre's SOPs for UK flyers- India TV Hindi
Image Source : PTI ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए रूप के चलते भारत सरकार सतर्क हो गई है।

नयी दिल्ली: ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए रूप के चलते भारत सरकार सतर्क हो गई है। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'मानक संचालन प्रक्रिया' (एसओपी) जारी की है। इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें संस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजना चाहिए। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लगने के बाद भारत ने बुधवार से 31 दिसंबर या अगले आदेश तक ब्रिटेन से आने-जाने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। कुछ अन्य देशों ने भी ब्रिटेन से उड़ानों पर रोक लगा दी है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय की एसओपी में 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन होकर आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी के संबंध में विभिन्न गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि पिछले चार हफ्ते में भारत के विभिन्न हवाई अड्डे पर ब्रिटेन से आयी उड़ानों के यात्रियों के बारे में सूची आव्रजन ब्यूरो द्वारा राज्य सरकारों और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) को मुहैया करायी जाएगी। इससे निगरानी टीमें यात्रियों का पता लगा पाएंगी। 

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इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को पिछले 14 दिनों की यात्रा का ब्योरा देना होगा और कोविड-19 की जांच के लिए एक आवेदन भरना होगा। एसओपी में कहा गया है कि संबंधित राज्य 21 से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर तरीके से जांच कराएंगे। हवाई अड्डे पर संक्रमित नहीं पाए गए यात्रियों को घर में पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी। संक्रमित पाए गए यात्रियों को संबंधित राज्य के प्राधिकारों द्वारा संस्थानिक पृथक-वास केंद्रों में अलग कक्ष में भेजा जाएगा। 

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दिशा-निर्देश में कहा गया है कि जीनोम अनुक्रमण विश्लेषण को लेकर नमूनों को राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे या किसी उपयुक्त प्रयोगशाला में भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। एसओपी में कहा गया कि जीनोम अनुक्रमण में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लगने पर मरीज को पृथक-वास के अलग कक्ष में ही रखा जाएगा। मौजूदा परामर्श के तहत आवश्यक उपचार किया जाएगा और शुरुआती जांच के 14 वें दिन फिर से जांच की जाएगी। 

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दिशा-निर्देश में कहा गया, ‘‘अगर 14 वें दिन भी नमूनों में संक्रमण की पुष्टि होती है तो आगे 24 घंटे के अंतराल पर दो बार और नमूने लेकर जांच की जाएगी।’’ जिन यात्रियों में संक्रमण की पुष्टि नहीं होगी उनकी सूची एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के साथ साझा की जाएगी। ऐसे यात्रियों को भी घर पर पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी। ब्रिटेन से 25 नवंबर और आठ दिसंबर के बीच भारत आने वाले यात्रियों से जिला निगरानी अधिकारी संपर्क करेंगे और उन्हें अपने स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी करने के लिए कहेंगे और किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर आरटी-पीसीआर तरीके से जांच करायी जाएगी।

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