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RSS में नंबर दो पद के लिए मार्च में चुनाव, नए चेहरे को मिल सकता है मौका

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बेंगलुरु में 19 और 20 मार्च को होने जा रही महत्वपूर्ण बैठक के बाद संगठन में बड़ा परिवर्तन होने की संभावना जताई जा रही है। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 19, 2021 10:21 IST
RSS में नंबर दो पद के लिए मार्च में चुनाव, नए चेहरे को मिल सकता है मौका - India TV Hindi
Image Source : ANI/TWITTER RSS में नंबर दो पद के लिए मार्च में चुनाव, नए चेहरे को मिल सकता है मौका 

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बेंगलुरु में 19 और 20 मार्च को होने जा रही महत्वपूर्ण बैठक के बाद संगठन में बड़ा परिवर्तन होने की संभावना जताई जा रही है। संघ के इतिहास में पहली पर नागपुर से बाहर होने जा रही यह चुनावी बैठक इसलिए भी अहम है कि इसमें संघ में नंबर दो के पद यानी सरकार्यवाह का चुनाव होना है। संकेत मिल रहे हैं कि लगातार 12 वर्षो से सरकार्यवाह (महासचिव) की जिम्मेदारी देख रहे भैय्याजी जोशी की जगह किसी नए चेहरे को मौका मिल सकता है।

मौजूदा सर कार्यवाह भैय्याजी जोशी को मिल सकती है नई जिम्मेदारी

सूत्रों का कहना है कि भैय्याजी जोशी यूं तो तीन साल पहले वर्ष 2018 में भी यह जिम्मेदारी छोड़ने की इच्छा जता चुके थे, हालांकि सांगठनिक कुशलता के कारण जरूरत को देखते हुए उन्हें एक और विस्तार दिया गया था। सूत्रों का यह भी कहना है कि भैय्याजी जोशी को नई भूमिका में संघ परिवार के सभी संगठनों के बीच समन्वय की जिम्मेदारी मिल सकती है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद कई प्रचारकों और शीर्ष पदाधिकारियों को प्रमोशन देकर बड़ी जिम्मेदारियां देने की तैयारी है। कुछ नए चेहरे सह-सरकार्यवाह बन सकते हैं।

हर तीन वर्ष पर सर कार्यवाह का होता है चुनाव 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में हर तीन वर्ष पर सर कार्यवाह पद का चुनाव होता है। यह संगठन में कार्यकारी पद होता है, जबकि सरसंघचालक का पद मार्गदर्शक का होता है। संघ के नियमित कार्यों के संचालन की जिम्मेदारी सरकार्यवाह की होती है। आमबोल चाल की भाषा में जिसे महासचिव कहते हैं, उसे संघ की भाषा में सर कार्यवाह कहा जाता है। जबकि सह-सरकार्यवाह ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी होते हैं।

1400 प्रतिनिधि सर्वसम्मति से करते हैं सर कार्यवाह का चयन
सुरेश भैय्याजी जोशी वर्ष 2009 से लगातार सर कार्यवाह पद(महासचिव) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संघ सूत्रों का कहना है कि उनकी उम्र करीब 73 वर्ष हो चुकी है। वर्ष 2018 में अस्वस्थता के कारण वह खुद यह जिम्मेदारी छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं। हालांकि सांगठनिक कुशलता के कारण वर्ष 2018 की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में उन्हें तीन साल के लिए और कार्यविस्तार देने का निर्णय सर्वसम्मति से हुआ था। लेकिन इस बार उनके जिम्मेदारी छोड़ने की प्रबल संभावना है। यहां ध्यान देने योग्य बात है कि संघ में सरकार्यवाह पद का चुनाव हमेशा सर्वसम्मति से होता है। संघ में किसे सरकार्यवाह की जिम्मेदारी मिलेगी, यह देश के सभी प्रांतों के करीब 1400 प्रतिनिधि सर्वसम्मति से तय करते हैं।

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अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में चयन
नागपुर के संघ विचारक दिलीप देवधर ने बताया, "अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में सरकार्यवाह के पद पर सर्वसम्मति से चुनाव होना है। सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी को विस्तार मिलेगा या किसी नए चेहरे को मौका मिलेगा, यह 19-20 को करीब 1400 प्रतिनिधि सर्वसम्मति से निर्णय करेंगे। मुझे लगता है कि इस बार आधे दर्जन सह-सरकार्यवाह में से किसी एक को प्रमोशन देकर इस पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। दत्तात्रेय होसबोले का नाम सर्वाधिक चर्चा में है।" संघ विचारक दिलीप देवधर ने बताया कि संघ में सरकार्यवाह पद का चुनाव आगामी दो घटनाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। पहला 2024 का चुनाव और वर्ष 2025 में संघ के सौ साल पूरे होने पर जन्मशताब्दी वर्ष। इन दो महत्वपूर्ण अवसरों को देखते हुए नए सरकार्यवाह का चुनाव महत्वपूर्ण है।

दत्तात्रेय होसबोले बन सकते हैं सर कार्यवाह
सूत्रों का कहना कि अगर भैय्याजी जोशी को फिर से विस्तार नहीं मिला तो फिर सरकार्यवाह पद की जिम्मेदारी वर्तमान में सह- सर कार्यवाह (ज्वाइंट जनरल सेकेट्ररी) दत्तात्रेय होसबोले को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। वजह कि संघ कार्य की ²ष्टि से वह अन्य सह -सरकार्यवाह से वरिष्ठ माने जाते हैं। दत्तात्रेय होसबोले अभी 65 वर्ष के हैं। ऐसे में वह आगे 71 वर्ष की उम्र होने तक सरकार्यवाह का दो कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। इन दो कार्यकाल में वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव और संघ का जन्मशताब्दी वर्ष संपन्न हो जाएगा। इस प्रकार उम्र भी उनके पक्ष में है। सूत्रों ने बताया कि संघ का दक्षिण पर फोकस है। दक्षिण भारत के कई राज्यों में आगामी समय चुनाव है। दक्षिण से ताल्लुक नजर रखने वाले होसबोले इसमें मददगार हो सकते हैं। एबीवीपी में लंबे समय तक रहने के दौरान दत्तात्रेय के पास सांगठनिक कौशल भी है। हालांकि, डॉ. कृष्ण गोपाल, मनमोहन वैद्य का भी नाम सरकार्यवाह पद के लिए चर्चा में है।

इनपुट-आईएएनएस

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