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सबरीमाला पर SC के फैसले पर RSS का बयान, मंदिर परंपरा का करते हैं सम्मान-कोर्ट का सम्मान भी जरूरी

सबरीमाला देवस्थान के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक स्थानीय मंदिर परंपराओं का मुद्दा है जिसके साथ महिलाओं समेत लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ी हुई हैं

Written by: India TV News Desk
Published : October 03, 2018 19:42 IST
RSS Statement on Sabarimala Devasthanam Judgement
RSS Statement on Sabarimala Devasthanam Judgement

नई दिल्ली। केरल के तीर्थस्थल सबरीमाला देवस्थान में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने प्रतिक्रिया दी है। RSS के सरकार्यवाह सुरेश (भय्याजी) जोशी ने कहा है सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देशभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, उन्होंने कहा है कि भारत के मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा मानी जाने वाली परंपराओं का वह सम्मान करते हैं और साथ में माननीय सुप्रीम कोर्ट का सम्मान भी जरूरी है।

सबरीमाला देवस्थान के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक स्थानीय मंदिर परंपराओं का मुद्दा है जिसके साथ महिलाओं समेत लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि फैसला सुनाते समय श्रद्धालुओं की इन भावनाओ को दरकिनार नहीं किया जा सकता।

RSS के सरकार्यवाह सुरेश (भय्याजी) जोशी ने कहा है कि दुर्भाग्यवश केरल सरकार ने श्रद्धालुओं की भावनाओं ध्यान में नहीं रखा और तुरंत प्रभाव से कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए कदम उठाए। केरल सरकार के इस कदम की वजह से श्रद्धालुओं की जो प्रतिक्रियाएं आ रही हैं वह स्वाभाविक हैं, खासकर महिला श्रद्धालुओं की कोर्ट के फैसले को सख्ती से लागू करने का विरोध कर रही हैं।

RSS ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए, संघ इस फैसले से प्रभावित होने वाले सभी लोगों जिनमें धार्मिक गुरू और सामुदायिक नेता भी शामिल हैं, का आहवान करता है कि वह इस फैसले का विश्लेषण करें और न्यायिक संभावनाएं तलाशें। वे अपने पूजा के अधिकार को शांतिपूर्वक तरीके से संबधित अथॉरिटी तक पहुंचाएं।

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