नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि संघ अंतरजातीय विवाह के खिलाफ नहीं है और यह पुरुष तथा महिला के बीच तालमेल का मुद्दा है। अंतरजातीय विवाह, शिक्षा और जातीय व्यवस्था जैसे मुद्दों पर अनेक प्रश्नों का उत्तर देते हुए भागवत ने कहा कि अगर अंतरजातीय विवाहों की गिनती करा ली जाए तो उनमें अधिकतम मामले संघ से होंगे। संघ के तीन दिवसीय सम्मेलन को अंतिम दिन संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि भारत में नयी शिक्षा नीति की जरूरत है।
संघ अंग्रेजी के खिलाफ नहीं : भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि संघ अंग्रेजी सहित किसी भी भाषा का विरोधी नहीं है लेकिन इसे उचित जगह दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह किसी भारतीय भाषा का स्थान नहीं ले सकती। संघ के तीन दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन लिखित प्रश्नों का जवाब देते हुए भागवत ने कहा, "आपको अंग्रेजी समेत किसी भी भाषा का विरोधी नहीं होना चाहिए और इसे हटाया नहीं जाना चाहिए।" उन्होंने भी कहा, "हमारी अंग्रेजी के साथ कोई शत्रुता नहीं है। हमें कुशल अंग्रेजी वक्ताओं की ज़रूरत है।
अनुचित तरीके से कराया गया धर्म परिवर्तन गलत : भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि एलजीबीटीक्यू समुदाय को अलग-थलग नहीं किया जाना चाहिए, वह भी समाज का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि गौ तस्करों द्वारा की गई हिंसा पर कोई बातचीत नहीं होती, हमें ऐसे दोहरेपन को खारिज करना होगा। उन्होंने कहा कि अनुचित तरीके से कराया गया धर्म परिवर्तन गलत है।