नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ विचारक और संगठन के पहले प्रवक्ता रहे माधव गोविंद वैद्य का शनिवार को दोपहर 3:30 बजे नागपुर में निधन हो गया। एमजी वैद्य का 97 साल की उम्र में नागपुर के स्पंदन अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। तबीयत बिगड़ने पर एमजी वैद्य को कुछ दिन पहले ही नागपुर के स्पंदन अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर आरएसएस के सदस्यों ने शोक व्यक्त किया है। जानकारी के मुताबिक, एमजी वैद्य का अंतिम संस्कार 20 दिसंबर (रविवार) को अंबाझरी घाट पर किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, उनके पोते विष्णु वैद्य ने बताया कि एमजी वैद्य का निधन शनिवार दोपहर 3.35 बजे नागपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में हुआ। विष्णु वैद्य ने बताया कि उनको कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था, लेकिन वो संक्रमण से उबर गए थे। शनिवार दोपहर 3:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें कि, माधव गोविंद वैद्य एकमात्र ऐसे स्वयं सेवक थे जिन्होंने आरएसएस के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार सहित मोहन भागवत के साथ काम किया था। इनका जन्म वर्धा जिले के तीरोड़ा में1923 में हुआ था, 1983 से यह स्वयंसेवक में जुड़े थे। एमजी वैद्य आरएसएस के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य के पिता हैं।
गौरतलब है कि एमजी वैद्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। एमजी वैद्य संघ के ऐसे स्वयंसेवक थे, जिसे अब तक के हर सरसंघचालक के साथ काम करने का अनुभव था। एमजी वैद्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पहले प्रवक्ता भी थे, वे 'तरुण भारत' के संपादक भी रहे। एमजी वैद्य ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर कई पुस्तकों का लेखन भी किया है। वैद्य का संघ के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में भी काफी सम्मान था। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, एमजी वैद्य को पिता तुल्य मानती थीं। वैद्य आरएसएस के प्रमुख पदाधिकारियों में से एक थे, जिन्होंने राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के विचारों के साथ संगठन को आगे बढ़ाया।