नयी दिल्ली: आरएसएस ने केरल में अपने कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्याओं की न्यायिक जांच की मांग करते हुए आज आरोप लगाया कि इनका उद्देश्य राज्य में उसके विस्तार को रोकना है। आरएसएस के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने दावा किया कि अक्तूबर, 2016 से राज्य में आरएसएस के 14 कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी। होसबले ने यहां संवाददाताओं से कहा, केरल सरकार को अपनी सांवैधानिक जिम्मेदारियों का पालन कर इस राजनीतिक हिंसा को रोकना चाहिए। राज्य में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्याओं की उच्च न्यायालय या फिर उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश से न्यायिक जांच की जानी चाहिए।
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उन्होंने आरोप लगाया, हमारे कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि आम एवं गरीब लोग आरएसएस में शामिल हो रहे हैं जो साारूढ़ माकपा को रास नहीं आ रहा, इस कारण वे हमारे कार्यकर्ताओं की जान ले रहे हैं। आरएसएस के संयुक्त महासचिव ने कहा, यह महज हत्याएं नहीं बल्कि राजनीतिक हत्याएं हैं। केरल में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत के बारे में सवाल पूछने पर आरएसएस नेता ने दावा किया कि राज्य के लोगों को ऐसा लगता है क्योंकि कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली आरएसएस कार्यकर्ता राजेश के घर जाएंगे जिनकी हाल में कथित माकपा कार्यकर्ताओं ने हत्या कर दी थी।
होसबोले ने आरोप लगाया कि माकपा से जुड़े लोगों ने आरएसएस, भाजपा के अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भी हत्याएं की हैं। कन्नूर में पिछले कुछ समय में 40 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं, इनमें 6..7 मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं की भी हत्याएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारत में असहिष्णुता की बात को देश दुनिया में प्रचारित किया जाता है लेकिन केरल में हिंसा पर मौन क्यों हम लोकतांत्र्ािक तरीके से अपनी बात रख रहे हैं । कुछ समय पहले हमने देश के विभिन्न स्थानों पर अपना विरोध दर्ज कराया था। जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन कर अपनी बात रखी थी।
संघ पदाधिकारी ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि क्या इस हिंसा के तांडव को रोकने के लिये केरल सरकार कोई प्रमाणिक प्रयास करेगी । हम इन राजनीतिक हत्याओं की निंदा कर रहे हैं लेकिन निंदा करने से क्या मरे हुए लोग वापस आ जायेंगे । हम चाहते हैं कि विशेष न्यायालय के जरिये त्वरित ढंग से इसकी जांच पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा आयेगा कि केरल के लोग माकपा को बाहर कर देंगे ।