नई दिल्ली: सेना की वर्दी से मिलती-जुलती राज्यसभा के मार्शल्स की वर्दी को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति की है, जिसके बाद राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को नए परिधान के निर्णय पर दोबारा विचार करने का आदेश दिया है। इससे एक दिन पहले सदन के 250वें सत्र में मार्शल्स नए परिधान में नजर आए थे।
नायडू ने कहा, "मार्शल्स के लिए नए ड्रेस कोड पर कई सलाह के बाद फैसला लिया गया था। लेकिन हमें कुछ राजनीतिक और कुछ जाने-माने लोगों से ड्रेस कोड को लेकर टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। इसलिए मैंने सचिवालय से इसपर दोबारा विचार करने के लिए कहा है।"
सोमवार को जैसे ही राज्यसभा का 250वां सत्र शुरू हुआ, मार्शल्स को सभापति एम.वेंकैया नायडू के पास सेना की वर्दी जैसे नीले रंग के परिधान में देखा गया। सदन के कई सदस्य मार्शल्स के नए परिधान को देख आश्चर्य में पड़ गए।
आम तौर पर ये मार्शल गर्मियों में सफारी सूट तथा सर्दियों में भारतीय बंदगला सूट पहने नजर आते थे। इनके सर पर कलगीदार पगड़ी होती थी। कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य जयराम रमेश ने सोमवार को मार्शलों को नई वर्दी में देख कर कुछ कहना चाहा। उन्होंने कहा ‘‘सर, ये मार्शल’’। लेकिन सभापति ने उन्हें रोका और रमेश अपनी बात पूरी नहीं कर पाए। हालांकि रमेश ने कहा कि वर्दी में बहुत ही महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। इस पर सभापति ने कहा ‘‘ठीक है, आप महत्वपूर्ण समय में हमेशा महत्वपूर्ण बात कहते हैं।’’ मार्शलों की वर्दी के संबंध में राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले कई दशकों से चले आ रहे ड्रेस कोड में बदलाव की मांग मार्शलों ने ही की थी।
सूत्रों के अनुसार, नौसेना के अधिकारियों की तरह के उजले परिधान मार्शल्स गर्मी के मौसम में पहनेंगे। मार्शल्स को दिया गया नया परिधान किसी सैन्यकर्मी के परिधान जैसा लगता है। इसके साथ एक कैप दिया गया है, जिससे मार्शल पुलिस या सैन्य अधिकारी जैसे दिखते हैं।