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भारत की यह शानदार ट्रेन विदेशी ट्रेनों को देगी टक्कर, पहली तस्वीर आई सामने, देखें पूरी जानकारी

सरकार ने बड़ी खबर देते हुए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) ट्रेन का फर्स्ट लुक आज जारी कर दिया। यह भारत में 180 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार से दौड़ेगी । RRTS ट्रेन में मेट्रो और बुलेट ट्रेन जैसी सुविधाओं से लैस होगी। इसका उत्पादन 2022 से शुरू होगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : September 25, 2020 23:25 IST
RRTS high speed train first look for Delhi to Meerut corridor
Image Source : FILE RRTS high speed train first look for Delhi to Meerut corridor

नई दिल्ली: सरकार ने बड़ी खबर देते हुए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) ट्रेन का फर्स्ट लुक आज जारी कर दिया। इस ट्रेन का लुक देखने में बहुत शानदार है और यह विदेशी ट्रेनों को टक्कर देती है। यह भारत में 180 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार से दौड़ेगी। RRTS ट्रेन में मेट्रो और बुलेट ट्रेन जैसी सुविधाओं से लैस होगी। इसका उत्पादन 2022 से शुरू होगा। आज केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ट्रेन के प्रथम लुक का अनावरण किया। इस अवसर पर मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे। यह ट्रेन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच चलेगी। 

RRTS ट्रेन की खासियत

  • RRTS ट्रेन स्टेनलेस स्टील से बनी होगी।
  • सामान रखने के लिए रैक और मोबाइल चार्जर होगा
  • यात्रा करने वाले लोगों के लिए इसमें काफी स्पेस होगा।
  • RRTS ट्रेन में 2x2 ट्रांसवर्स आरामदायक सीटें लगी होगी।

1 घंटे से कम समय में दिल्ली से मेरठ 

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे रूट पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ने वाली भारत की यह अपनी तरह की पहली ट्रेन होगी। 82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर भारत का पहला आरआरटीएस कॉरिडोर है। इस कॉरिडोर के बनने के बाद दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा का समय को लगभग एक तिहाई कम हो जाएगा। दिल्ली से मेरठ जाने के लिए वर्तमान में 3-4 घंटे लगते है। इस कॉरिडोर के बनने के बाद 1 घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ पहुंचा जा सकेगा। 

कोरोना महामारी के कारण बुलेट ट्रेन परियोजना के 2023 में पूरा होने पर संशय

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के समय पर पूरा होने में विलंब हो सकता है क्योंकि महामारी के चलते भूमि अधिग्रहण के काम में देरी हो रही है। इस परियोजना का काम दिसंबर 2023 में पूरा होना प्रस्तावित है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि में से 63 प्रतिशत का अधिग्रहण कर चुकी है। इसमें से 77 प्रतिशत जमीन गुजरात में, 80 प्रतिशत दादरा एवं नागर हवेली में और 22 प्रतिशत जमीन महाराष्ट्र में है। 

अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के नवसारी जैसे इलाकों में अभी भी भूमि अधिग्रहण में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने लोक निर्माण की नौ निविदाएं आमंत्रित की थीं, लेकिन इन्हें कोरोना वायरस महामारी के कारण खोला नहीं जा सका। कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने कहा, ‘‘कोविड के कारण हमें कुछ निविदाओं को खोलना स्थगित करना पड़ा। 

अभी परियोजना पर महामारी के प्रभाव का आकलन करना मुश्किल है क्योंकि यह (महामारी) अभी चल रही है। हम अभी यह नहीं कह सकते हैं कि महामारी परियोजना को कैसे प्रभावित करेगी क्योंकि मुझे नहीं पता है कि यह कब तक चलेगी।’’ कॉरपोरेशन के प्रवक्ता ने आधिकारिक तौर पर कहा कि परियोजना की समय-सीमा भी 2023 ही है। सिविल निर्माण ठेकों में से एक स्टेशनों, पुलों, मरम्मत डिपो और पूरे बुलेट ट्रेन नेटवर्क पर सुरंगों के निर्माण आदि से जुड़ा है जो 20,000 करोड़ रुपये का है। ट्रेन की 508 किलोमीटर लाइन में से 345 किलोमीटर के निर्माण (करीब 68 प्रतिशत) के लिए टेंडर दिए जा चुके हैं। 

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