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रोशनी एक्ट भूमि घोटाला: सीबीआई ने कथित अतिक्रमण के लिए जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताज मोई उद दीन और सरकारी अधिकारियों पर रोशनी अधिनियम भूमि घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामला दर्ज किया गया है।

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Updated : November 26, 2020 21:35 IST
Roshni Act Land Scam, CBI, Congress leader Taj Mohi ud Din
Image Source : INDIA TV Roshni Act Land Scam CBI booked senior Congress leader Taj Mohi ud Din and govt officials

नयी दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रोशनी कानून के तहत अपने नाम पर वन की भूमि हासिल करने में कथित अनियमितता को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में बताया। पूर्ववर्ती राज्य में कांग्रेस के मंत्री रहे मोहिउद्दीन के साथ एजेंसी ने शोपियां के पूर्व उपायुक्त मोहम्मद रमजान ठाकुर, तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद यूसुफ जरगर, राजस्व विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त हफिजुल्ला और तत्कालीन तहसीलदार गुलाम हसन राठेर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। 

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई को जम्मू कश्मीर केंद्रशासित क्षेत्र के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो से एक शिकायत मिली थी। यह शिकायत अब प्राथमिकी का हिस्सा है । शोपियां के तत्कालीन तहसीलदार ने 16 जून 2007 को ठाकुर की अध्यक्षता वाली कमेटी के सामने राज्य की जमीन के मालिकाना हक के संबंध में 190 मामले रखे थे । कमेटी ने उनमें से केवल 17 को मंजूरी दी । इसमें से 13 कनाल भूमि पर कथित तौर पर मोहिउद्दीन ने अतिक्रमण किया। आरोप हैं कि मोहिउद्दीन द्वारा अतिक्रमण की गयी जमीन वन विभाग की थी। 

विभाग ने जम्मू कश्मीर राज्य भूमि (मालिकाना हक सौंपने) कानून या रोशनी कानून के तहत इसको नियमित किए जाने पर आपत्ति जतायी। कमेटी ने आपत्ति को नजरअंदाज किया और वन विभाग से कहा था कि मामले का निपटारा कर दिया गया है। क्षेत्र के संभागीय वन अधिकारी ने रोशनी कानून के तहत भूमि के मालिकाना हक स्थानांतरण पर फिर से आपत्ति जतायी थी। केंद्रशासित क्षेत्र के प्रशासन ने एक नवंबर को जम्मू कश्मीर राज्य भूमि (मालिकाना हक सौंपने के) कानून, 2001 के तहत भूमि के मालिकाना हक स्थानांतरण को रद्द कर दिया। इस कानून को रोशनी कानून भी कहा जाता है। इसके तहत 2.5 लाख एकड़ जमीन का मालिकाना हक सौंपा जाना था। 

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के इतिहास के 25 हजार करोड़ का सबसे बड़े जमीन घोटाले का खुलासा हुआ है। इस जमीन घोटाले में कई पार्टी के नेताओं के शामिल होने की जानकारी सामने आई है। जम्मू-कश्मीर में सरकारी जमीनों पर धड़ल्ले से कब्जा करने वाले नेताओं और नौकरशाहों की लिस्ट भी सामने आ चुकी है। घोटाले में कांग्रेस-पीडीपी और नेशनल कांफ्रेस के नेताओं समेत कई अधिकारियों के भी नाम सामने आ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि अधिनियम, 2001 तत्कालीन फारूक अब्दुल्ला सरकार गरीब तबके के लोगों को विधिपूर्वक जमीन उपलब्ध कराने और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए फंड इकट्ठा करने के उद्देश्य से लेकर आई थी, इस कानून को रोशनी एक्ट का नाम दिया गया।

 

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