Monday, November 25, 2024
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रोशनी कानून: CBI ने अदालत को कार्रवाई रिपोर्ट सौंपी, पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू

सीबीआई ने रोशनी कानून में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज मामलों की जांच से जुड़ी कार्रवाई रिपोर्ट शुक्रवार को सीलबंद लिफाफे में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट को सौंपी। अदालत ने इस संबंध में दायर विभिन्न पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की प्रक्रिया भी शुरू की है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 11, 2020 21:40 IST
Roshni Act: CBI submits ATR in J-K HC, process of hearing review petitions initiated- India TV Hindi
Image Source : FILE सीबीआई ने रोशनी कानून में कथित अनियमितताओं के संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट को सौंपी।

जम्मू: सीबीआई ने रोशनी कानून में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज मामलों की जांच से जुड़ी कार्रवाई रिपोर्ट शुक्रवार को सीलबंद लिफाफे में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट को सौंपी। अदालत ने इस संबंध में दायर विभिन्न पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की प्रक्रिया भी शुरू की है। सीबीआई के वकील मोनिका कोहली ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति संजय धर की खंड पीठ के समक्ष सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट सौंपी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अदालत से रोशनी कानून से संबंधित प्रकरण की सुनवाई निर्धारित तारीख से पहले करने का अदालत से अनुरोध किया है। 

अदालत ने इससे पहले नौ अक्टूबर को अपने फैसले में रोशनी कानून को रद्द करते हुए उसे ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ बताया था और साथ ही उसने इस कानून के तहत आवंटित जमीन की जांच सीबीआई को सौंपी है। इस मामले की प्रत्यक्ष सुनवाई के दौरान सीबीआई द्वारा अभी तक की गई जांच के संबंध की जानकारी प्राप्त करने के बाद अधिवक्ता कोहली ने सीलबंद लिफाफे में कार्रवाई रिपोर्ट सौंपी। 

कोहली ने नौ अक्टूबर के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करने वाले सभी लोगों को अपनी याचिकाओं की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया। सीबीआई ने इस मामले में अभी तक नौ प्राथमिकी, जिन्हें जांच एजेन्सी की भाषा में नियमित मामले (आरसी) कहते हैं, दर्ज की हैं। इनके अलावा जांच एजेन्सी ने चार प्रारंभिक जांच (पीई) के मामले दर्ज किये हैं। 

जांच ब्यूरो ने रोशनी कानून के तहत अपने नाम से जंगल की भूमि के अतिक्रमण को गैर कानूनी तरीके से कथित रूप से नियमित कराने के लिये जम्मू कश्मीर के पूव मंत्री ताज मोहिउद्दीन, के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले में शोफियां के पूर्व उपायुक्त मोहम्मद रमजान, तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद यूसुफ जरगर, तत्कालीन सहायत राजस्व आयुक्त हफीजुल्लाह शाह और तत्कालीन तहसीलदार गुलाम हसन राथर के नाम भी हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि अधिनियम, 2001 को तत्कालीन फारूक अब्दुल्ला सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं के लिए फंड एकत्रित करने के उद्देश्य से बनाया था। इस कानून को 'रोशनी' नाम दिया गया था। इसके अनुसार, भूमि का मालिकाना हक उसके अनधिकृत कब्जेदारों को इस शर्त पर दिया जाना था कि वे बाजार भाव पर सरकार को भूमि की कीमत का भुगतान करेंगे। इसके लिए कटऑफ मूल्य 1990 की गाइडलाइन के अनुसार तय किए गए थे। शुरुआत में सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले किसानों को कृषि के लिए मालिकाना हक दिया गया। 

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