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विदेशी मुसलमान पर देश में घमासान, रोहिंग्या पर सरकार का 'धर्मसंकट'

सरकार को रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर ऐसे इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान में पनाह पाए कई आतंकी ग्रुप इन्हें अपने चंगुल में लेने की साजिश में लगे हैं। ऐसे इनपुट के बाद रोहिंग्या मुसलमानों को आतंरिक खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।

Written by: India TV News Desk
Updated : September 06, 2017 13:25 IST
rohingya
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नई दिल्ली: विदेशी मुसलामानों पर देश में घमासान मचा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए रोहिंग्या मुसलमानों को हिंदुस्तान में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती। गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि हिंदुस्तान में रह रहे 40 हजार से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों को वापस जाना होगा। सरकार का ये फैसला कई लोगों के गले के नीचे नहीं उतर रहा लिहाजा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। ये भी पढ़ें: राम रहीम की ‘हनी’ को मुंबई में लगी हथकड़ी? जानें क्या है हनीप्रीत की गिरफ्तारी का सच

बता दें कि क़रीब 40 हज़ार रोहिंग्या भारत में ग़ैर-क़ानूनी रूप से रह रहे हैं। ज़्यादातर रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में हैं। सरकार का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों की वजह से आंतरिक सुरक्षा पर ख़तरा मंडराने लगा है। बेहद गरीब रोहिंग्या समुदाय पर आतंकवादियों से कनेक्शन के आरोप लगते रहे हैं। इसी वजह से इन्हें शरण देने के लिए कोई भी देश आगे नहीं आ रहा।

रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सरकार को ऐसे इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान में पनाह पाए कई टेरर ग्रुप इन्हें अपने चंगुल में लेने की साजिश में लगे हैं। ऐसे इनपुट के बाद रोहिंग्या मुसलमानों को आतंरिक खतरे के तौर पर देखा जा रहा है। किरण रिजिजू का कहना है कि केन्द्र ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि हर ज़िले में टास्क फोर्स बनाए और जहां कहीं भी रोहिंग्या हैं उनकी पहचान कर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू करें।

भारत सरकार के मनाही के बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने की गुजारिश की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि पीएम मोदी रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षा पक्की करें और म्यांमार के नेतृत्व पर भी दबाव डालें कि वो हिंसा प्रभावित राखाइन प्रांत के रोहिंग्या मुसलमानों को मदद पहुंचाए। लेकिन भारत सरकार ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के इस अपील को सिरे से खारिज कर दिया है। सरकार ने साफ कहा है कि शरणार्थियों को लेकर कोई भी संगठन सीख ना दे।

कौन हैं रोहिंग्या मुसलमान?

-म्यांमार के राखाइन प्रांत में रहने वाले मुसलमान हैं

-रोहिंग्या जातीय हिंसा की घटनाओं का शिकार बन रहे हैं और
-तेज़ी से म्यांमार से पलायन कर रहे हैं

सरकार के फरमान के बाद देश के कई संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने के समर्थन में सामने आ गए हैं> मानवता और इंसानियक की दुहाई दी जा रही है। सरकार फैसला बदलने पर मंजबूर हो जाए इसके लिए कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं।

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