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नहीं मानी बात तो होगा बड़ा नुकसान, परिवहन मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गाड़ी चलाते समय लोगों को जागरुक और सजग रहने को लेकर रिमाइंडर जारी किया है। परिवहन मंत्रालय समय समय पर लोगों को जगरुक करने के लिए ट्वीट कर रिमाइंडर जारी करता रहता है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 16, 2021 20:08 IST
नहीं मानी बात तो होगा बड़ा नुकसान, परिवहन मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी- India TV Hindi
Image Source : PTI नहीं मानी बात तो होगा बड़ा नुकसान, परिवहन मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी

नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गाड़ी चलाते समय लोगों को जागरुक और सजग रहने को लेकर रिमाइंडर जारी किया है। परिवहन मंत्रालय समय-समय पर लोगों को जगरुक करने के लिए ट्वीट कर रिमाइंडर जारी करता रहता है, ऐसे में इसबार फिर उन्होनें दोपहियां वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने को लेकर रिमाइंडर जारी किया है। मंत्रालय ने कहा, 'जब भी आप दोपहियां वाहन चलाएं हेलमेट पहनना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।' 

भारत में हर साल लोखों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा देते है। ऐसे में मंत्रालय लोगों को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 2019 में जारी वार्षिक सड़क दुर्घटना रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों की अधिकतम संख्या का मुख्य कारण वाहनों की तेज गति है। मंत्रालय की ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भारत में 4,49,002 सड़क दुर्घटनाओं में 4,51,361 व्यक्ति घायल हुए और 1,51,113 लोग मारे गए हैं। देश में प्रत्येक दिन 1,230 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें 414 मौतें प्रत्येक दिन होती हैं या प्रत्येक घंटे 51 दुर्घटनाएं और 17 मौतें होती हैं।

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ओवरस्पीड- सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की अधिकतम संख्या ओवर-स्पीडिंग के कारण हुई, जिसमें 67.3 प्रतिशत या 1,01,699 मौतें, 71 प्रतिशत दुर्घटनाएं और 72.4 प्रतिशत चोटें थीं। कुल दुर्घटनाओं में 15 प्रतिशत हिस्सा बिना वैध लाइसेंस के गाड़ी चलाने या बिना सीखे ड्राईवर के कारण था। 2019 में गड्ढों की वजह से सड़क दुर्घटना में 2,140 मौतों के साथ मृत्यु में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 10 साल से अधिक के वाहनों में दुर्घटना से संबंधित मौतों का 41 प्रतिशत हिस्सा था। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मारे गए व्यक्तियों की संख्या क्रमशः 32.9 प्रतिशत और 67.1 प्रतिशत थी।

सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए पैदल यात्रियों की संख्या 2018 में 22,656 से बढ़कर 2019 में 25,858 हो गई, यानी लगभग 14.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दुपहिया वाहन और पैदल चलने वालों को मिलाकर यह सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों का 54 प्रतिशत हिस्सा होता है और वैश्विक स्तर पर यह सबसे सबसे कमजोर श्रेणी में शामिल है।

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नहीं मानी बात तो होगा बड़ा नुकसान, परिवहन मंत्रालय ने दी जानकारी

Image Source : @MORTHINDIA
नहीं मानी बात तो होगा बड़ा नुकसान, परिवहन मंत्रालय ने दी जानकारी

लगभग 10 फीसदी मौतें और कुल दुर्घटनाओं का 8 फीसदी हिस्सा वाहनों में ओवरलोड के कारण था। लगभग 69,621 (15.5 प्रतिशत) मामले 'हिट एंड रन' के रूप में दर्ज किए गए, जिससे 29,354 मौतें (19.4 प्रतिशत) और 61,751 चोटें (13.7 प्रतिशत) शामिल हैं। 2018 की तुलना में, हिट एंड रन मामलों में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और हिट और रन के कारण होने वाली मौतों में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि भारत में 2018 में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम के लागू होने के बाद सड़क दुर्घटना में कमी देखी गई है।

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