नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि रोजाना करीब 400 लोगों की जान लेने वाले सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिये राज्यों को केंद्रीय सड़क कोष सीआरएफ के एक हिस्से का इस्तेमाल करना चाहिये और दुर्घटनावाली जगहों को दुरुस्त करना चाहिये। सड़क हादसे में मरने वालों में करीब आधे लोगों की उम्र 18 से 35 साल के बीच होती है। भारत में सड़क हादसे-2016 रिपोर्ट जारी करते हुये सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि पिछले साल कुल मिलाकर सड़क हादसों में 4.1 प्रतिशत की गिरावट आयी है लेकिन मृत्यु दर में 3.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसका अर्थ है कि सड़क पर रोजाना 400 से ज्यादा लोग मारे जाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल औसतन प्रति घंटे 55 सड़क हादसों में 17 लोगों की मौत हुई, इनमें से 46.3 फीसदी की उम्र 18 से 35 साल के बीच थी। इसमें बताया गया है कि कुल सड़क हादसों में शिकार होने वाले लोगों में 18 से 60 साल उम्र के बीच के 83.3 प्रतिशत लोग थे। भारत में पिछले साल कुल 4,80,652 सड़क दुर्घटनाएं हुयी हैं जिसमें 1,50,785 लोगों की जान गयी और 4,94,624 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। यह रिपोर्ट भारत में वर्ष 2016 में हुयी दुर्घटनाओं पर आधारित है।
गडकरी ने कहा, 'हम हादसों की संख्या कम करने की कोशिश कर रहे हैं न सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्गों पर बल्कि राज्य मार्गों पर भी। मैंने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि सीआरएफ का 10 फीसदी दुर्घटना वाली जगहों की कमियों को दूर करने के लिये इस्तेमाल करें।' उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिलों में सड़क सुरक्षा समितियां गठित की जानी चाहिये जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ सांसदों को करनी चाहिये और जिलाधिकारियों को इनका सचिव बनाया जाना चाहिये। यह समिति जिला स्तर पर दुर्घटना के सभी पहलुओं को देखेगी।
मंत्री ने कहा कि अगले दो सालों में सड़क हादसों में हताहतों की संख्या 50 फीसदी कम करना लक्ष्य है। पुलिस के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क हादसों 84 प्रतिशत, मौत 80.3 प्रतिशत और घायल 83.9 प्रतिशत के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार एकमात्र कारण चालकों की लापरवाही है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 13 राज्यों में 86 प्रतिशत हादसे होते हैं। ये राज्य तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, केरल, राजस्थान और महाराष्ट्र है।