नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। जहां एक ओर किसान झुकने को तैयार नहीं हैं वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने बड़ा बयान दिया है। माना जा रहा है कि यदि किसान आंदोलन को लेकर जल्द ही कोई हल नहीं निकाला गया तो आने वाले समय में नए कृषि कानूनों पर एनडीए में दरार देखने को मिल सकती है।
आरएलपी के संयोजक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को काले क़ानून वापिस ले लेने चाहिए अन्यथा RLP पार्टी NDA में रहेगी या नहीं इस पर हम 8 तारीख के बाद आपात बैठक बुला रहे हैं। आवश्यकता पड़ी तो किसानों के हक़ में लाखों लोग दिल्ली कूच करेंगे। हम भारत बंद का समर्थन करते हैं।
8 दिसम्बर को देश के किसानों की आवाज पर आरएलपी के संयोजक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। नए कृषि बिलों व किसान आंदोलन को लेकर मीडिया के साथ आज चर्चा करते हुए बेनीवाल ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री जी किसानों की मदद करना चाहते हैं तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करें। अन्यथा आरएलपी पार्टी एनडीए के अंदर रहेगी या नहीं रहेगी इस पर हम 8 तारीख के बाद आपात बैठक में फैसला लेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो किसानों के हक में लाखों लोग दिल्ली कूच करेंगे। प्रधानमंत्री जी की किसानों के हित में नए कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए।
8 को भारत बंद और 9 को फिर होगी सरकार और किसानों के बीच वार्ता
बता दें कि, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), आरएलपी, द्रमुक और वाम दलों (CPI, CPIM,CPI(ML) के अलावा कई केंद्रीय मजदूर संगठनों ने किसानों के ‘भारत बंद’ के आह्वान को समर्थन देने का निर्णय लिया है। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भी बंद का समर्थन किया है। नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले 11 दिन से जारी है।
केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने 8 दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का शुक्रवार को ऐलान किया साथ ही उन्होंने इस दिन टोल प्लाजा पर कब्जे की भी चेतावनी दी है। किसान और सरकार के बीच एक बार फिर 9 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे से बातचीत शुरू होगी। शनिवार को किसान कानूनों पर सरकार के साथ हुई बैठक के बाद एक किसान नेता ने कहा कि सरकार ने तीन दिन का समय मांगा है। 9 दिसंबर को सरकार हमें प्रपोज़ल भेजेगी, उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी। 8 तारीख को भारत बंद ज़रूर होगा, ये कानून ज़रूर रद्द होंगे।