मुंबई: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि यदि रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं होता है, तो देश का जनांकिक लाभ के ‘’जनांकिक आपदा’’ में बदलने का खतरा है।
यहां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में डॉ. एम विश्वेश्वरैया स्मृति व्याख्यान में मुखर्जी ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश ने छह से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, लेकिन समाज के विभिन्न वर्गों के बीच असमानता अब भी काफी अधिक है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इस कार्यक्रम में उद्योगपति रतन टाटा को डब्ल्यूटीसयीए सम्मान से सम्मानित किया गया। मुखर्जी ने कहा कि तेज आर्थिक वृद्धि के अनुरूप रोजगाार नहीं बढ़ा है। मुखर्जी ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच असमानता बढ़ रही है। यह अधिक समय तक नहीं चल सकता।
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राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि देश की शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी के पास 61.51 प्रतिशत संपत्ति है, जबकि निचली 50 प्रतिशत आबादी के पास सिर्फ 4.77 प्रतिशत संपत्ति है।