नई दिल्ली: काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सीबीआई को नियमित डायरेक्टर मिल गया। केंद्र सरकार ने सीबीआई के नए डायरेक्टर के तौर पर ऋषि कुमार शुक्ला का नाम तय किया है। शुक्ला 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। मौजूदा समय में वे मध्य प्रदेश में पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष हैं। इससे पहले वे मध्यप्रदेश पुलिस के महानिदेशक थे। शुक्ला की नियुक्ति इस पद पर दो साल के लिए की गई है।
शुक्ला का हाल में मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक पद से पुलिस आवास निगम में तबादला हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की 24 जनवरी और एक फरवरी को हुई दो बैठकों के बाद उनकी नियुक्ति हुई है। शुक्रवार को चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान शुक्ला का नाम छांटा गया था।
इस घटनाक्रम को अहम माना जा रहा है क्योंकि शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर ‘अनिच्छुक’ है और केन्द्र को ‘तत्काल’ केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद ‘‘संवेदनशील’’ और ‘‘महत्वपूर्ण’’ है और लंबे समय तक एजेंसी के अंतरिम निदेशक की नियुक्ति ठीक नहीं है। अदालत ने जानना चाहा कि सरकार ने अब तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की है।
आलोक वर्मा को हटाये जाने के बाद से सीबीआई प्रमुख का पद 10 जनवरी से ही खाली है। भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के साथ वर्मा का टकराव हुआ था। वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। वर्मा को हटाये जाने के बाद से एम नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं।
शुक्रवार की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई। यह बैठक एक घंटा से अधिक समय तक चली। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति द्वारा सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने के बाद वर्मा को महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा बनाया गया था। हालांकि वर्मा ने इस पद को स्वीकार नहीं किया।