नई दिल्ली: CBI के नवनिर्वाचित निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने सोमवार को जांच एजेंसी प्रमुख का पदभार संभाल लिया। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1983 बैच के अधिकारी शुक्ला ने ऐसे समय में CBI का कार्यभार संभाला है जब एजेंसी तथा कोलकाता पुलिस के बीच विवाद राजनीतिक रूप ले चुका है। इस विवाद की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केन्द्र तथा पश्चिम बंगाल सरकारें एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं। CBI के प्रवक्ता नितिन वाकणकर ने बताया कि आईपीएस आर के शुक्ला ने सोमवार सुबह CBI निदेशक का पद संभाला।
कौन हैं ऋषि कुमार शुक्ला?
ऋषि कुमार शुक्ला भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1983 बैच के अधिकारी हैं। वह मध्य प्रदेश पुलिस के DGP रह चुके हैं। 58 वर्षीय शुक्ला मध्य प्रदेश कैडर के पहले ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें CBI प्रमुख की जिम्मेदारी मिली है। उन्हें खुफिया विभाग के अधिकारी के रूप में भी अच्छा-खासा अनुभव है। शुक्ला मध्य प्रदेश के पुलिस प्रमुख रहने के दौरान बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच सुनिश्चित करने के लिए जाने जाते हैं। इस वजह से ऐसे जघन्य अपराधों की संख्या में गिरावट आई थी। ग्वालियर के रहने वाले शुक्ला ने दर्शनशास्त्र में परास्नातक किया है। राष्ट्रीय पुलिस अकादमी से उत्तीर्ण (पास) होने के बाद शुक्ला रायपुर, दमोह, शिवपुरी और मंदसौर जिलों में विभिन्न पदों पर सेवा दे चुके हैं।
एजेंसी के कामकाज में स्थिरता आने की संभावना
मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी और खुफिया विभाग के अनुभवी अधिकारी शुक्ला के पूर्ण निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से एजेंसी के कामकाज में स्थिरता आने की संभावना है। एजेंसी पहले ही पोंजी घोटाला मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला कर चुकी है। CBI के अंतरिम प्रमुख एम. नागेश्वर राव की स्थिति कुछ अजीबो-गरीब हो गई और वह पश्चिम बंगाल पुलिस की इस कार्रवाई का तत्काल जवाब नहीं दे सके।
CBI को लेकर बंगाल में बवाल
पश्चिम बंगाल में ना सिर्फ CBI टीम को हिरासत में लिया गया बल्कि साल्ट लेक के सीजीओ परिसर स्थित एजेंसी के कार्यालय की भी घेराबंदी कर ली गई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केन्द्र की कथित मनमानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस कदम से हुए उनके (ममता के) अपमान के खिलाफ रविवार शाम धरने पर बैठ गईं थीं। CBI का एक दल शारदा और रोज वैली घोटाला मामलों में अचानक कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके घर पहंची, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ी। पश्चिम बंगाल पुलिस ने CBI के दल को दरवाजे पर ही रोक दिया और बाद में उन्हें थाने ले गई।
बंगाल पुलिस ने बताया यह कारण
राज्य पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि एजेंसी के अधिकारियों के पास कोई वॉरंट नहीं था। बनर्जी के एक करीबी सहयोगी से उनके आवास पर हाल ही में पूछताछ की गई थी। आम चुनावों के मद्देनजर जांच में तेजी कर दी गई है।