नई दिल्ली: मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट, ब्रिटेन की भारतीय छात्र नेता रिद्दी विश्वनाथन को विभिन्न छात्र समुदायों के लिए दिए गए उनके योगदान के लिए ग्लोबल इंटरनेशनल एजुकेशन अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान अभियान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में घृणा को कम करने के लिए किए गए कामों के लिए दिया गया है। बता दें कि रिद्दी ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के छात्र संघ में डायवर्सिटी ऑफिसर के तौर पर और पहली फुलटाइम इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफिसर के तौर पर काम कर चुकी हैं। उन्हें नेशनल यूनियन ऑफ स्टूडेंट्स (एनयूएस) यूके के लिए 2019-20 में प्रवासी प्रतिनिधि के रूप में भी चुना गया है, जिसके जरिए वह यूके में 192 देशों के 4 लाख से अधिक विदेशी छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली भारतीय हैं।
पुदुचेरी की मूल निवासी रिद्दी को ऑस्ट्रेलिया के कर्टिन विश्वविद्यालय की थॉमसन चेंग के साथ संयुक्त रूप से यह 'पायनियर एलमनाई ऑफ द ईयर' अवॉर्ड दिया गया है।
गौरतलब है कि पायनियर पुरस्कार एकमात्र ऐसे वैश्विक पुरस्कार हैं जो अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा जगत में नवाचार और उपलब्धि के लिए दिए जाते हैं। इस वर्ष के पुरस्कारों में कुल 18 श्रेणियां रखी गईं थीं।
पुरस्कार जीतने को लेकर रिद्दी विश्वनाथन ने कहा, "मैं मैनचेस्टर विश्वविद्यालय, स्टूडेंट यूनियंस, मेरे परिवार और दोस्तों के लिए आभारी हूं, जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया। निश्चित रूप से यह मेरे लिए एक महान क्षण है। हालांकि महामारी के कारण दुनिया भर में प्रवासी छात्रों के सामने आईं चुनौतियों ने इस उत्सव को फीका कर दिया है। हम वास्तव में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का जश्न तब मना सकते हैं, जब पासपोर्ट के रंग की परवाह किए बिना सभी छात्र समान रूप से दुनिया में कहीं भी शिक्षा पा सकें।"
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय की अध्यक्ष और कुलपति नैन्सी रोथवेल ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि रिद्दी ने यह पुरस्कार जीता है। वह इसके योग्य है और उसने विविध छात्र समुदायों के लिए अपने कार्यों से अच्छी पहचान बनाई है।"