एक्टर सुशांत सिंह राजपूर की मौत की गुत्थी अब ड्रग्स के जाल में उलझती दिख रही है। मीडिया में सुशांत की दोस्त रिया का एक व्हाट्सएप मैसेज सामने आया है जिसमें रिया अपनी दोस्त से ड्रग्स और उसकी डोज को लेकर बात कर रही हैं। इससे सवाल होता है कि क्या वो ज़हर रिया ने अपने लिए मंगाया था या फिर उसके लिए जिसे रिया और जया के बीच हुई वॉट्सऐप चैट में Him यानी उसे का नाम दिया गया था। क्या वो Him सुशांत सिंह राजपूत थे। अगर हां, तो क्या रिया ने उस ज़हर का ऑर्डर सुशांत सिंह राजपूत के लिए दिया था।
रिया के व्हाट्सऐप चैट पर लिखे MDMA, MD, hash और bud का सुशांत सिंह राजपूत के केस से क्या कनेक्शन है। आज हम इन सबकी पड़ताल करेंगे। इस वक्त सुशांत सिंह राजपूत की मौत की थ्योरी, इन्हीं ड्रग्स के इर्द गिर्द घूम रही है। लोग सच जानना चाहते हैं सुशांत को जानने वालों ने रिया पर सीधा आरोप लगाया है कि रिया और नशे का कॉकटेल सुशांत के लिए जानलेवा साबित हुआ।
जानिए क्या है मौली
मौली...आम तौर पर ये नाम लड़कियों का होता है। लेकिन नशे की दुनिया में खोए रहने वालों के लिए MDMA का मतलब होता है मौली। MDMA एक सिंथेटिक ड्रग है। इसे अक्सर "लव पिल" भी कहा जाता है। इसका फुल फॉर्म है मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथाम्फेटामाइन। ये रंग और साउंड पर इंसान के सेंसेशन बढ़ा देता है। इसे एक एंटेक्टोजेन की श्रेणी में रखा गया है यानी ऐसी ड्रग सेल्फ अवेयरनेस और सहानुभूति को बढ़ा सकती है।
जानलेवा है ड्रग्स का कॉम्बिनेशन
आम तौर पर MDMA का इस्तेमाल टैबलेट या कैप्सूल के तौर पर किया जाता है। लेकिन रिसचर्स के मुताबिक MDMA के साथ कई ड्रग्स का कॉम्बिनेशन जानलेवा साबित होता है। जब कोई शख्स MDMA टैबलेट या कैप्सूल लेता है तो औसतन इसका असर आने में 45 मिनट तक का वक्त लगता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि रिया की पांचवी चैट भी 25 नवंबर 2019 की है। जिसमें रिया चक्रवर्ती से जया कहती हैं कि, 'चाय, कॉफी या पानी में 4 बूंदें डालो और उसे पीने दो। असर देखने के लिए 30 से 40 मिनट रुको। इस ड्रग का असर कई बार 15 से 30 मिनट में Peak पर होता है। ये औसतन 3 घंटे तक रहता है। समस्या ये है कि कुछ दिनों बाद इसका साइडइफेक्ट भी आता है।
ब्रेन डैमेज का है खतरा
MDMA के सेवन से ब्रेन डैमेज का ख़तरा रहता है। इंसान के विचार और याद्दाश्त पर असर पड़ता है। दिमाग के ऐसे हिस्सों को नुकसान पहुंचने का ख़तरा होता है। जो इंसान के इमोशन्स को रेगुलेट करते हैं। इंसान डिप्रेशन घबराहट मेमोरी लॉस से पीड़ित हो सकता है। किडनी फेल्योर का ख़तरा दिल की बीमारी का ख़तरा यहां तक की जान जाने की भी स्थिति पैदा हो सकती है।