नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में तीन हफ्ते बाद केवल उन वाणिज्यिक वाहनों को प्रवेश करने दिया जाएगा जिनमें रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान टैग (आरएफआईडी) लगा होगा। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार रात से आरएफआईडी प्रणाली 13 व्यस्त प्रवेश मार्गों पर लागू हो जाएगी। जिन वाहनों में आरएफआईडी नहीं होगा, उन्हें शुक्रवार रात से जुर्माना भरना होगा। तीन हफ्ते बाद ऐसे वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
दिल्ली में बाहर से 85 फीसद वाहन इन्हीं 13 प्रवेश मार्गों से पहुंचते हैं। एक बार जब कोई व्यक्ति आरएफआईडी टैग खरीदकर उसे पंजीकृत वाहन पर चिपका लेगा तो इन 13 टोल प्लाजा पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति खुद-बखुद कट जाएगी। दक्षिण दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रणधीर सहाय ने कहा, ‘‘शुक्रवार आधी रात के बाद गैर आरएफआईडी वाहनों को पहले हफ्ते में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में मूल रकम का दोगुना शुल्क भरना होगा। दूसरे हफ्ते में यह चार गुना हो जाएगा और तीसरे सप्ताह में छह गुना।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तीन सप्ताह बाद गैर आरएफआईडी वाणिज्यिक वाहनों को पूरी तरह आरएफआईडी टैग के आधार पर ही प्रवेश मिलेगा।’’ ऐसे टैगों की बिक्री 13 आरएफआईडी टॉल प्लाजा पर बिक्री केंद्रों पर जारी रहेगी। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में दिल्ली के निकटवर्ती शहरों में उसकी बिक्री के लिए छह और ऐसे बिक्री केंद्र स्थापित किये जायेंगे। शुक्रवार दोपहर तक 1.6 लाख आरएफआईडी टैग की बिक्री की जा चुकी थी।
अधिकारियों ने बताया की आरएफआईडी प्रणाली से यातायात व्यवस्था सुगम होगी और इससे प्रदूषण के स्तर को घटाने में भी मदद मिलेगी। आरएफआईडी प्रणाली लगाने का काम कर रही कंपनी टेक्सीडेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के आकाश सिन्हा ने कहा, ‘‘फिलहाल किसी वाहन को टॉल प्लाजा गुजरने में 15-20 सेंकेंड लगते हैं। आरएफआईडी व्यवस्था लागू होने के बाद उसे महज चार-पांच सेंकेंड लगेंगे।’’