नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को नए संसद भवन के निर्माण के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस बैठक में भाग लिया। इस बैठक में श्री बिरला को नए भवन के निर्माण के लिए प्रस्तावित क्षेत्र से मौजूदा सुविधाओं और अन्य संरचनाओं को स्थानांतरित किए जाने के संबंध में की गई प्रगति की जानकारी दी गई। इस क्षेत्र के आसपास घेरा बनाने और निर्माण प्रक्रिया के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के लिए किए जाने वाले विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
दिसंबर 2020 में शुरू होगा निर्माण कार्य
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बिरला को यह जानकारी भी दी कि नए भवन के निर्माण की अवधि के दौरान और विशेषकर संसद सत्र के दौरान अति विशिष्ट व्यक्ति और स्टाफ के आने-जाने की व्यवस्था कैसी होगी। मौजूदा संसद भवन में संसदीय समारोहों के आयोजन के लिए अधिक उपयोगी स्थान की व्यवस्था के लिए इसे उपयुक्त सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि नए भवन के साथ ही इस भवन का उपयोग भी सुनिश्चित हो सके। इस बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष को जानकारी दी गई कि नए भवन के निर्माण का कार्य दिसंबर 2020 में शुरू होगा और इसे अक्टूबर 2022 तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है।
ओम बिरला ने दिए अधिकारियों को निर्देश
परियोजना के विभिन्न पहलुओं और कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि संबंधित विभिन्न एजेंसियां नियमित आपस में तालमेल रखते हुए विभिन्न मुद्दों का समाधान करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्माण कार्य को समय से पूरा करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इस बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के निदेश से यह निर्णय लिया गया कि नए भवन के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। इस निगरानी समिति में अन्य व्यक्तियों के साथ-साथ लोक सभा सचिवालय, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, PWD, NDMC के अधिकारी और परियोजना के आर्किटेक्ट/ डिजाइनर भी शामिल होंगे।
क्या होगा इस नए संसद भवन में
नए भवन में संसद सदस्यों के लिए अलग कार्यालय होंगे। सदस्यों के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली अन्य सुविधाओं में कक्षों में प्रत्येक संसद सदस्य की सीट अधिक आरामदेह होगी और उसमें डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो पेपरलेस कार्यालय की दिशा में एक अग्रणी कदम होगा। लोकसभा और राज्य सभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्पले आदि होंगे। इस बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि आगंतुकों को इस हाल में जाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें। नए भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, लाइब्रेरी, 6 समिति कक्ष और भोजन कक्ष भी होंगे।