हैदराबाद: एक तरफ जहां तमाम विपक्षी पार्टियां एक बार फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जगह बैलट पेपर की पुरानी व्यवस्था पर लौटने की मांग कर रही हैं, वहीं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी. एस. कृष्णमूर्ति का नजरिया अलग है। EVM को ‘पूरी तरह विश्वसनीय’ बताते हुए टी. एस. कृष्णमूर्ति ने सोमवार को कहा कि मतपत्रों से चुनाव कराने की पुरानी प्रथा पर लौटना ‘पीछे लौटने’ जैसा है। उन्होंने कहा कि मतपत्र से छेड़छाड़ की संभावना है जिस कारण कागजों की बर्बादी तो होगी ही, चुनाव परिणाम घोषित करने में काफी समय लगेगा।
कृष्णमूर्ति ने कहा कि EVM की बजाय मतपत्रों से चुनाव कराने पर इसके अलावा भी कई हानियां हैं। EVM को ‘राष्ट्र का गौरव’ और ‘पूरी तरह विश्वसनीय’ बताते हुए कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनीतिक दल मतपत्रों से फिर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दलों ने चुनावों में बेहतर प्रदर्शन नहीं किया इसका यह मतलब नहीं है कि मशीन खराब है। इसलिए मेरे विचार से अगर मशीनों को हटाया जाता है तो यह पीछे लौटने वाला कदम होगा।’ कृष्णमूर्ति ने कहा कि मतपत्र प्रणाली से चुनाव परिणाम घोषित करने में संभवत: एक हफ्ते का समय लगेगा।
उन्होंने कहा, ‘काफी कागज बर्बाद होगा। मतपत्रों से काफी तिकड़म होगा। हम जानते हैं कि कुछ चुनावों में वोट डालने के लिए फर्जी मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘मतपत्र की व्यवस्था शुरू होते ही अवैध वोट बढ़ जाएंगे। कुछ देशों ने हमारी व्यवस्था की प्रशंसा की और अचानक इसे वापस लेने से कदम पीछे खींचने जैसा होगा।’ गौरतलब है कि बीते कुछ समय से विपक्षी दल बैलट पेपर की पुरानी व्यवस्था पर लौटने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी पिछले हफ्ते चुनाव आयोग से अपील की थी कि आगामी चुनावों में EVM के बजाए मतपत्रों से चुनाव कराने की पुरानी व्यवस्था शुरू हो।