जम्मू: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि पाकिस्तान रमजान से जुड़ी भावनाओं का सम्मान करे और सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन पर रोक लगाए। यह बात उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में प्रभावित लोगों से मुलाकात के दौरान कही। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा पिछले नौ दिनों में सीमा से लगे जम्मू, सांबा और कठुआ में की गई गोलाबारी में दो नाबालिग बच्चों और बीएसएफ के दो जवानों समेत 12 लोग मारे गए हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय सीमा से एक लाख से अधिक लोग पलायन कर गए हैं। हालांकि, पिछले दो दिनों से गोलीबारी नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा रमजान के दौरान सुरक्षा अभियानों पर रोक लगाए जाने से राज्य के लोगों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सीमा पर शांति लाने के लिये सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए। उन्होंने इस बात की याद दिलायी कि 2003 में संघर्ष विराम की घोषणा के बाद एक दशक से अधिक समय तक सीमा पर पूरी शांति रही और पाकिस्तानी नेतृत्व से अपील की कि वे रमजान के पाक महीने से जुड़ी भावनाओं का सम्मान करें।
महबूबा ने सीमावर्ती क्षेत्रों आर एस पुरा, सांबा और जम्मू के अन्य क्षेत्रों का दौरा किया जो पिछले कुछ दिनों के दौरान सीमा पार से गोलाबारी से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने प्रभावित लोगों से संवाद किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपनी परेशानियों से अवगत कराया। राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण और आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद मुस्तफा मीर भी यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के साथ थे।
आर एस पुरा में उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की, जिन्होंने स्थानीय आईटीआई, चक्रोई फार्म और सतारियां में शरण ली है। लोगों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सीमा पर लगातार खराब हालात की वजह से बेहद चिंतित हैं और उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों की जान, संपत्ति और शांति को और नुकसान से बचाने के लिए तत्काल इसे समाप्त करने की अपील की।