नयी दिल्ली: सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में आर्थिक आरक्षण देने के प्रावधान वाले संविधान संशोधन विधेयक को ऊंची जाति के गरीब लोगों के लिए बेहद आवश्यक बताते हुए केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा कि यह आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को काटकर नहीं दिया जा रहा है।
राज्यसभा में संविधान (124वां संशोधन) विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केन्द्रीय मंत्री एवं लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि ऊंची जाति के कई लोगों ने पिछड़ी जाति के लोगों को आरक्षण प्रदान करने में बीज डालने का काम किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऊंची जाति के लोगों में भी गरीबी बढ़ी और उनकी कृषि भूमि का रकबा घटा है। उन्होंने कहा कि आज जब इस वर्ग को आरक्षण देने की बात आयी है तो हम सभी को कंधे से कंधा मिलाकर इसके लिए संघर्ष करना चाहिए।
पासवान ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति उत्पीड़न निवारण कानून पर आये उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद कानून बनाने का साहस दिखाया। उन्होंने कहा कि यह सरकार सबका साथ सबका विकास के लक्ष्य को लेकर आगे चल रही है।
उन्होंने दावा कि जिस कांग्रेस में ऊंची जाति के लोगों का वर्चस्व है, उसने कभी सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने की पहल नही की। उन्होंने कहा कि एक गरीब के बेटे (प्रधानमंत्री मोदी) ने यह साहस दिखाया। उन्होंने कहा कि सभी को यह नहीं भूलना चाहिए कि सामान्य वर्ग को यह आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति एवं ओबीसी को दिये जा रहे आरक्षण को काटकर नहीं दिया जा रहा बल्कि अलग से दिया जा रहा है।