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मेघालय: घटनास्थल पर पहुंचे किर्लोस्कर के बचावकर्मी, 370 फुट गहरी अवैध खदान में फंसी हैं 15 जानें

मेघालय में एक कोयले की खदान में पानी भरने से उसमें पिछले एक पखवाड़े से फंसे 15 लोगों को बचाने के लिए एक निजी कंपनी भी आगे आई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 28, 2018 9:09 IST
Meghalaya: Rescuers from private firm reach mine site; IAF, Coal India teams to reach today | PTI- India TV Hindi
Meghalaya: Rescuers from private firm reach mine site | PTI

शिलॉन्ग: मेघालय में एक कोयले की खदान में पानी भरने से उसमें पिछले एक पखवाड़े से फंसे 15 लोगों को बचाने के लिए एक निजी कंपनी भी आगे आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, खदान में फंसे श्रमिकों को निकालने में मदद करने के लिए निजी पंप निर्माता कंपनी के बचावकर्मी गुरुवार को मौके पर पहुंच गए। यह कंपनी खदान से पानी निकालने में स्वेच्छा से उपकरण मुहैया करा रही है। भारतीय वायु सेना और कोल इंडिया के बचावकर्मी ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में स्थित इस खदान तक आज पहुंचने की उम्मीद है।

पुलिस अधीक्षक सिल्विस्टर मोंगटींगर ने बताया कि किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की 2 टीमें मदद के लिए गुरुवार को शिलॉन्ग पहुंचीं। श्रमिक 370 फुट गहरी अवैध खदान में फंसे हुए हैं। किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने बुधवार की देर रात एक बयान में कहा, ‘मेघालय में फंसे लोगों के लिए हम बेहद चिंतित हैं और हर तरह से मदद को तैयार हैं। हम अपनी सहायता देने के लिए मेघालय सरकार के अधिकारियों के संपर्क में हैं।' भारतीय वायु सेना के प्रवक्ता रत्नाकर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वायु सेना से बचावकर्मियों को भुवनेश्वर से या तो गुवाहाटी तक या शिलॉन्ग एयरपोर्ट तक शुक्रवार को पहुंचाने का आग्रह किया है।

कोल इंडिया लिमिटेड के सूत्रों ने गुरुवार को ताया कि सर्वेक्षणकर्ता घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। तलाशी और बचाव का काम शनिवार को रोक दिया गया था क्योंकि खदान में पानी का स्तर कम होता प्रतीत नहीं हो रहा था। NDRF के सहायक कमांडेंट एस के सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को उच्च शक्ति वाले पंप की मांग करते हुए पत्र लिखा है क्योंकि इस कार्य के लिए 25 हॉर्स पावर के पंप पर्याप्त साबित नहीं हो पा रहे थे।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने गुरुवार को मीडिया की उन खबरों का खंडन किया जिसमें यह कहा गया था कि खदान में फंसे मजदूरों की मौत हो जाने का संदेह है क्योंकि एनडीआरएफ के गोताखोर जब खदान में उतरे थे उन्होंने ‘दुर्गंध’ महसूस की थी। इसी बीच सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस घटना के संबंध में मुलाकात की है। हालांकि इस बैठक की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है। (भाषा)

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