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बिल्डरों पर नियंत्रण के लिए RERA पहले ही आ जाना चाहिए था : पीएम मोदी

मोदी ने कहा, "RERA बहुत पहले पारित हो सकती थी, लेकिन यह हमारी सरकार थी जिसने बिल्डरों के रहमोकरम पर निर्भर घर खरीदारों की दुर्दशा को महसूस किया।"

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 13, 2017 21:57 IST
Narendra Modi
Image Source : PTI Narendra Modi

नई दिल्ली: रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (RERA) को बिल्डरों के अनाचार पर रोक लगाने के लिए पहले ही लाया जाना चाहिए था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यह बातें कही। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) के उस आदेश पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक निदेशकों को हटाकर सरकार को निदेशकों की नियुक्ति करने की अनुमति दी गई थी। 

उद्योग मंडल फिक्की की 90वें आम बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह घर खरीदारों को लेकर उनकी सरकार की संवेदनशीलता थी कि उन्होंने रेरा अधिनियम, 2016 को पारित किया। इस विधेयक को पिछले साल दोनों सदनों में पारित किया गया था। मोदी ने कहा, "RERA बहुत पहले पारित हो सकती थी, लेकिन यह हमारी सरकार थी जिसने बिल्डरों के रहमोकरम पर निर्भर घर खरीदारों की दुर्दशा को महसूस किया।"

उन्होंने पूछा, "इस पर पहले कदम क्यों नहीं उठाया गया।" उन्होंने कहा कि फिक्की ने भी यह बात पिछली सरकार को ध्यान दिलाई थी कि बिल्डर वादा करके खरीदारों को घर नहीं दे रहे हैं। रेरा के मुताबिक, बिल्डर बिना पंजीकरण के अपनी संपत्ति की बिक्री नहीं कर सकते। साथ ही कानून में यह भी प्रावधान किया गया है कि जिन परियोजनाओं को कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला है, उसे पूर्ण परियोजना नहीं मानी जाएगी। 

बुधवार को शीर्ष अदालत की चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने एनसीएलटी के 8 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें यूनिटेक के निदेशकों को अपदस्थ कर सरकार को अपने निदेशक नियुक्त करने की अनुमति दी गई थी। 

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