आने वाले गणतंत्र दिवस पर यूके के पीएम बोरिस जॉनसन मुख्य अतिथि हो सकते हैं। हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर एक खास अतिथि को गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया जाता है। गणतंत्र दिवस के समारोह में पाकिस्तान के नेताओं को भी बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जा चुका है। साल 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद जबकि साल 1965 में पाकिस्तान के फूड एंड एग्रिकल्चर मिनिस्टर राना अब्दुल हामिद गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
कैसे होता है गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चयन?
भारत गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चयन काफी सोच समझ कर करता है। गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि कौन को कई बार इसपर महीनों माथापच्ची चलती है। देश के हित को देखते हुए या तो मित्र देश के नेता को या फिर ऐसे देश के नेता को गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाता है, जिससे भारत को संबंध और मजबूत करने हो। यूरोपीय देश फ्रांस के नेताओं को अब तक सबसे अधिक पांच बार गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जा चुका है। आखिरी बार साल 2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।विदेश नीति पर भी रहती है नजर
पिछले कुछ सालों में गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किए गए अतिथियों पर नजर डाले तो स्पष्ट तौर पर भारत की विदेश नीति की एक झलक मिलती है। साल 2015 में अमेरिका के उस समय के राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस में बतौर मुख्य अतिथि भारत आए, साल 2017 में यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद एल नाहन मुख्य अतिथि थे। साल 2020 में दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोलसोनारो गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बने।
एक नजर पिछले 10 साल के मुख्य अतिथियों पर