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जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट, पहले और अब की स्थिति में बताया गया अंतर

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद से वहां की स्थिति को लेकर उठ रहे सवालों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की गई है।

Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 16, 2019 17:33 IST
Report presented in the Supreme Court on the situation in Jammu and Kashmir- India TV Hindi
Report presented in the Supreme Court on the situation in Jammu and Kashmir

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद से वहां की स्थिति को लेकर उठ रहे सवालों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की गई है। पेश की गई रिपोर्ट में बीते सालों की स्थिति और 5 अगस्त के बाद की स्थिति का अंतर बताया गया है। कितने आतंकी हमले हुए, कितने लोगों की जान गई, कितनी हिंसा की घटनाएं हुई आदि सभी आंकड़े रिपोर्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए हैं।

 

रिपोर्ट के मुताबिक 

  1. 1990 से 15 सितंबर 2019 तक 71,038 आतंकी घटनाओं में 41,866 लोगों की जाम गई। इनमें से 14,038 सिविलियन, 5292 सुरक्षाकर्मी और 22,536 आतंकी थे।
  2. 2008 में 153 दिन, 2009 में 19 दिन, 2010 में 73 दिन, 2011 में 0 दिन, 2012 में 4 दिन, 2013 में 26 दिन, 2014 में 10 दिन, 2015 में 1 दिन, 2016 में 72 दिन, 2017 में 45 दिन, 2018 में 51 दिन और 2019 में 4 अगस्त तक 35 बार राज्य में पाबंदियां लगाई गईं। 
  3. 2008 से 4 अगस्त 2019 तक कुल 489 बार राज्य के अलग-अलग हिस्सों में पाबंदियां लगीं।
  4. 2008 में 28, 2009 में 03, 2010 में 63, 2011 में 0 दिन, 2012 में 0, 2013 में 04, 2014 में 0, 2015 में 0, 2016 में 41, 2017 में 04, 2018 में 08 और 2019 में 4 अगस्त तक 1 घटना ऐसी हुई जिसमें गोलियां चली और लोग घायल हुए। 
  5. 2008 से 4 अगस्त 2019 तक गोलियां चलने (जिसमें लोग घायल हुए) की कुल 152 घटनाएं हुईं।
  6. 2008 में 52, 2009 में 04, 2010 में 112, 2011 में 0 दिन, 2012 में 0, 2013 में 04, 2014 में 0, 2015 में 0, 2016 में 81, 2017 में 10, 2018 में 19 और 2019 में 4 अगस्त तक 1 आम नागरिक की मौत हुई।

Past History of terrotist violenece since 1990 in j&k

Past History of terrotist violenece since 1990 in j&k

धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद

धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद से राज्य में एक भी फायरिंग की घटना नहीं हुई। अब तो कश्मीर में 88.57% इलाकों से तथा जम्मू और लद्दाख में 100% इलाकों से धारा 144 भी हटा दी गयी है। वहीं, राज्य में लैंडलाइन सेवा पर लगी रोक को भी हटा दिया गया है। 5 अगस्त से लेकर 9 सितंबर तक सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी लैंडलाइन्स शुरू कर दीं थी। मौजूदा वक्त में जम्मू में 50133, कश्मीर में 43114 और लद्दाख में 8822 लैंडलाइन चालू  हैं। यह 15 सितंबर तक के आंकड़े हैं।

Landline Restoration

Landline Restoration

जम्मू के सभी 10 डिविजन में मोबाइल फोन सेवा पूरी तरह से सुचारू है। वहीं, लद्दाख के दो जिलों और कश्मीर के एक जिले में भी मोबाइल सेवा जारी है। इस तरह से जम्मू और लद्दाख में 100% मोबाइल फोन काम कर रहे हैं। श्रीनगर में 10% काम कर रहे हैं। यह 15 सितंबर तक के आंकड़े हैं।

Mobile Restoration

Mobile Restoration

जम्मू-कश्मीर में ज्यादातर थाना क्षेत्रों में दिन के समय पाबंदियों से छूट दी जा चुकी है। जम्मू के सभी 90 और लद्दाख के सभी 7 थाना क्षेत्रों में दिन में पाबंदी से छूट है जबकि कश्मीर के 105 थानों में से 93 थाना क्षेत्रों में दिन के समय पाबंदी से राहत है। इस तरह से जम्मू और लद्दाख में 100 फीसदी जबकि कश्मीर में 88 फीसदी थाना क्षेत्रों में दिन के समय पाबंदी नहीं होती। वहीं, पूरे राज्य के 94 फीसदी पुलिस स्टेशन एरियाज ऐसे हैं जहां दिन में पाबंदियों से छूट होती है। यह 15 सितंबर तक के आंकड़े हैं।

Police station

Police station

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में स्वास्थय व्यवस्था फिर से पटरी पर आ गई है। 15 सितंबर 10.52 लाख मरीजों का OPD में इलाज हुआ है। 10,699 मेजर सर्जरी और 53,297 माइनर सर्जरी हुई हैं। 90% दवाई की दुकानें खुली हुई हैं। वहीं, जम्मू और लद्दाख में 100% जबकि कश्मीर में 97% स्कूल खुल गए हैं। इसके अलावा बीते 1 महीने में 8,98,050 एलपीजी सिलेंडर लोगों के घर डिलीवर हुए हैं।

 

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