नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को कोरोना उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार कोविड-19 के इलाज में काम आने वाले रेम्डेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने के लिये सभी कदम उठा रही है ताकि देश में इसकी उपलब्धता को बढ़ाया जा सके। डी वी सदानंद गौडा ने शुक्रवार को कहा कि पिछले पांच दिन के भीतर विभिन्न राज्यों को कुल मिलाकर 6.69 लाख रेम्डेसिविर इंजेक्शन की शीशियां उपलब्ध कराई गई हैं।
गौडा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सरकार रेम्डेसिविर की उत्पादन सुविधाओं का विस्तार करने और उनकी क्षमता और उपलब्धता बढ़ाने के हर जरूरी कदम उठा रही है।’’ गौड़ा ने बताया कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद रेमडेसिवीर के प्रमुख विनिर्माताओं ने स्वेच्छा से दवा के दाम प्रति शीशी 5,400 रुपये से घटाकर 3,500 रुपये से भी कम कर दिए हैं। साथ ही सरकार देश में रेमडेसिवीर का उत्पादन बढ़ाने के लिये सभी कदम उठा रही है।
एक अन्य ट्वीट में गौड़ा ने कहा, ‘‘सरकार के हस्तक्षेप के बाद रेम्डेसिविर के प्रमुख विनिर्माताओं ने स्वेच्छा से 15 अप्रैल 2021 से इसके दाम को 5,400 रुपये से घटाकर 3,500 रुपये से भी कम कर दिया है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई को समर्थन मिलेगा।’’ इस बीच महाराष्ट्र के एक राज्य मंत्री ने शुक्रवार को आशंका जताई कि राज्य को 12,000 से 15,000 रेम्डेसिविर इंजेक्शन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
रेमडेसिविर का उत्पादन 28 लाख शीशी प्रति माह से बढ़कर 41 लाख प्रति माह हो गया है- गौड़ा
केंद्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि सरकार रेमडेसिविर की उत्पादन बढ़ाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। गौड़ा ने आज रेमडेसिविर की उपलब्धता से संबंधित मुद्दों पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया, औषध सचिव, अध्यक्ष राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर का उत्पादन 28 लाख शीशी प्रति माह से बढ़कर 41 लाख प्रति माह हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच दिनों के दौरान छह लाख 69 हजार रेमडेसिविर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के हस्तक्षेप पर, रेमेडेसिविर के निर्माताओं ने स्वेच्छा से इसका अधिकतम खुदरा मूल्य पांच हजार 400 रुपये से घटाकर तीन हजार 500 रुपये से भी कम कर दिया है।
बता दें कि, पूरे देश में कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के साथ अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लाज्मा डोनर और रेमेडिसविर इंजेक्शन की सख्त जरूरत पड़ रही है। गंभीर संक्रमण वाले लोगों को रेमेडिसविर इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण देश में काफी तेजी से फैल रहा है। कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण ना केवल अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है बल्कि इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर दवा और एंटी वायरल इंजेक्शन की किल्लत भी खबरें सामने आ रही हैं। NITI Aayog के सदस्य वीके पॉल ने एक बयान में कहा, रेमेडिसविर का इस्तेमाल केवल उन लोगों पर किया जाना है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है और वे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। घर की सेटिंग और हल्के मामलों में इसके इस्तेमाल का कोई सवाल ही नहीं है।
जानिए भारत में रेमेडिसविर कौन-कौन कंपनी बना रही है
दवा रेगुलेटर राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा को तैयार करने वाली कंपनियों की डिटेल साझा की है। NPPA ने रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा बनाने वाली कंपनी की वेबसाइट, ई-मेल आईडी और 24*7 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
रेमडेसिविर के लिए यहां करें शिकायत
टोल फ्री नंबर- 1800 111 255
ई-मेल: monitoring-nppa@gov.inवेबसाइट- nppaindia@nic.in
जानिए रेमडेसिविर के बारे में
रेमडेसिविर एक एंटी वायरल दवा है। इसका डेवलपमेंट हेपटाइटिस सी के इलाज के लिए हुआ था। लेकिन, बाद में इबोला वायरस के इलाज में इसका उपयोग किया गया। कोरोना वायरस के इलाज में प्रयुक्त शुरुआती दवाओं में रेमडेसिविर भी शामिल थी। जिसकी वजह से यह दवा मीडिया की सुर्खियों में रही है। हालांकि 20 नवंबर 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि कोरोना मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को रेमडेसिविर के इस्तेमाल से बचना चाहिए। डब्ल्यूएचओ (WHO) के दावों के उलट दवा बनाने कंपनी ने रेमडेसिविर के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि दवा कोरोना के इलाज में कारगर हैं।