Monday, December 23, 2024
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धर्म परिवर्तन की बड़ी साजिश बेनकाब, हजारों को हिंदू से मुसलमान बनाने वाले उमर और जहांगीर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश ATS ने धर्म परिवर्तन की बड़ी साज़िश बेनकाब करने का दावा किया है। पुलिस ने दो आरोपियों को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि इन लोगों का गिरोह अभी तक करीब एक हज़ार लोगों का कन्वर्जन करा चुका है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : June 21, 2021 22:27 IST
धर्म परिवर्तन की बड़ी साजिश बेनकाब, हजारों को हिंदू से मुसलमान बनाने वाले उमर और जहांगीर गिरफ्तार
धर्म परिवर्तन की बड़ी साजिश बेनकाब, हजारों को हिंदू से मुसलमान बनाने वाले उमर और जहांगीर गिरफ्तार

लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश ATS ने धर्म परिवर्तन की बड़ी साज़िश बेनकाब करने का दावा किया है। पुलिस ने दो आरोपियों को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि इन लोगों का गिरोह अभी तक करीब एक हज़ार लोगों का कन्वर्जन करा चुका है। पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काज़ी जहांगीर को इस काम के लिए विदेशों से, यहां तक की ISI से भी फंडिंग हो रही थी। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस ने जिन दो आरोपियों को अरेस्ट किया है, उसमें से मोहम्मद उमर गौतम खुद हिंदू से मुसलमान बना है। इन लोगों ने यूपी के नोएडा, कानपुर, मथुरा, वाराणसी समेत कई जिलों में लोगों को इस्लाम कुबूल करवाया है।

इनके निशाने पर वो लोग होते थे, जिन्हें कमजोर समाज के लोग कहते हैं यानी मूक-बधिर, गरीब और बेसहारा महिलाएं, इस रैकेट के निशाने पर थीं। यूपी के ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, यह लोग मूक-बधिर छात्रों को नौकरी का, गरीबों को पैसे का, बेसहारा महिलाओं का शादी कराने और परिवार बसाने का लालच देते थे। यह सारा रैकेट दिल्ली के जामिया नगर से चल रहा था। मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम, दोनों ही दिल्ली के जामिया नगर में रहते थे। यहीं पर ये लोग फर्जी कागजात बनाते थे। यूपी ATS की काफी दिनों से इन पर नज़र थी। पुलिस ने सबूत हाथ लगते ही पहले काजी जहांगीर और उमर गौतम से पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 

मोहम्मद उमर गौतम इस रैकेट में शामिल इकलौता ऐसा शख्स नहीं है, जो हिंदू से मुसलमान बना हो और फिर धर्मांतरण के रैकेट में शामिल हो गया हो। विपुल विजयवर्गीय नाम के एक और शख्स को मोहम्मद उमर गौतम ने मुसलमान बनाया और फिर उसकी शादी मुसलमान लड़की से ही करा दी। धर्म परिवर्तन करवाने के लिए ये लोग जो जलसे करवाते थे, उसमें एक बार में दो से ढाई सौ लोग को कन्वर्ट किया जाता था। इसके बाद ये कन्वर्टेड लोग दूसरे हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए समझाते थे। मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काज़ी जहांगीर को लगता था कि अगर नए-नए कन्वर्टेड मुस्लिम धर्म परिवर्तन के लिए समझाएंगे तो उनका काम आसानी से बन जाएगा।

यूपी पुलिस का दावा है कि उसके पास उन एक हज़ार लोगों की पूरी लिस्ट है, जिसका धर्म परिवर्तन इन लोगों ने करवाया था। इंडिया टीवी रिपोर्टर्स ने भी ऐसे ही कुछ लोगों को खोजने की कोशिश की, जिन्हें मुसलमान बनाया गया था। हमारे संवाददाताओं को 2 ऐसी केस स्टडी मिली, जहां बच्चों के घरवालों को बताए बगैर उनके बेटों का धर्म परिवर्तन करवा दिया गया था। इनमें से एक केस गुरुग्राम का है और दूसरा कानपुर का है। पहले आपको गुरुग्राम के केस के बारे में बताते हैं। गुरुग्राम के रहने वाले मन्नू यादव नाम के लड़के का धर्म परिवर्तन कराया गया और उसका नया नाम अब्दुल मन्नान रखा गया। मन्नू यादव मूक-बधिर है, वह नोएडा की डेफ सोसायटी में पढ़ता था।

मन्नू के घरवालों को शक है कि इसी स्कूल में पढ़ाई के दौरान उसका ब्रैनवॉश किया गया। मन्नू यादव के भाई के मुताबिक, उन्होंने स्कूल के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी की थी लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। मन्नू की मां ने कहा कि इस साल फरवरी में अचानक उनके बेटे के तौर तरीके बदल गए। वो नमाज पढ़ने लगा और बिना मूंछ की दाढ़ी रखने लगा। हमारे संवाददाता पवन नारा नोएडा के उस डेफ स्कूल भी गए, जहां मन्नू पढ़ता था। पुलिस की एक टीम पहले ही वहां पूछताछ कर रही थी। 

जब पवन नारा ने स्कूल के संचालक से पूछा कि क्या कभी उन्हें शक नहीं हुआ कि यहां इस तरह की एक्टिविटीज चल रही है, उस पर उन्होंने कहा कि स्कूल में सिर्फ पढ़ाई और स्किल ट्रेनिंग का काम होता है बाकी बातें अब पुलिस की जांच में ही साफ होंगी। वही, दूसरा मामला कानपुर का है। कानपुर के रहने वाले आदित्य भी पढ़ाई करने दिल्ली आए लेकिन जब वापस गए तो उनका नाम आदित्य नहीं अब्दुल कादिर था। 

इस गैंग की लीड यूपी पुलिस को कहां से मिली, इसकी कहानी भी काफी इंट्रेस्टिंग है। इसके तार जुड़ते हैं यूपी में डासना के उस देवी मंदिर से, जहां के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। दरअसल, 2 जून को दो लोगों ने गलत नाम से इस मंदिर में घुसने की कोशिश की। इसमें से एक का नाम था कासिफ और दूसरे का विपुल विजयवर्गीय। यहां पर ये जानना जरूरी है कि विपुल विजयवर्गीय अपना धर्म परिवर्तन करवाकर मुसलमान बन चुका है और कासिफ की बहन से उसकी शादी हुई है। यानी ये दोनों मुसलमान हैं लेकिन खुद को हिंदू बताकर मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। 

शक होने पर इन्हें गिरफ्तार किया गया और उन्हीं से पूछताछ के बाद धर्म परिवर्तन के रैकेट का खुलासा हुआ क्योंकि इसी रैकेट के लोगों ने विपुल विजयवर्गीय को भी हिंदू से मुसलमान बनाया था। डासना के देवी मंदिर से जुड़े लोगों के मुताबिक, कासिफ और विपुल का मकसद स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करना था। धर्म परिवर्तन के मामले में मोहम्मद उमर गौतम और काजी जहांगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद आज स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती भी इस मुद्दे पर बोले। उन्होंने कहा कि वो कई दिनों से ये बात कह रहे थे कि यूपी में धर्म परिवर्तन करने वाला गैंग एक्टिव है लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब जाकर UP ATS इसपर खुलासे कर रही है।

यूपी सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर सिर्फ वक्फ मिनिस्टर मोहसिन रज़ा ने कहा कि पहले की सरकारें इस तरह के अवैध धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देती थीं। यही वजह है कि जब योगी सरकार लव जेहाद और धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लेकर आईं तो एसपी, बीएसपी और कांग्रेस समेत दूसरी अपोजिशन पार्टीज ने विरोध किया लेकिन उनकी सरकार इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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