भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की केंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल के 4 साल पूरे कर लिए हैं। इन चार सालों में सरकार की उपलब्धियों को लेकर लोगों के मन में एक नहीं बल्कि हजार सवाल एक साथ कौंध रहें है। हजार सवाल जिनके जहन में कौध रहे हैं वे देश में रहने वाले लोग ही नहीं देश से बाहर रह रहे लोग भी हो सकते हैं। सवालों के चक्रव्यूह में फंसे लोगों में 2 तरह के लोग हो सकते हैं, एक वे जो सरकार के कामकाज से पूरी तरह से संतुष्ट है और दूसरे वे जो अभी तक सरकार के कामकाज को समझ ही रहे हैं।
विपक्ष के अपने सवाल और इल्जाम हैं तो वहीं आम जन के अपने सवाल हैं। सवालों के जवाब भी मिलने तभी मुमकिन हैं जब सरकार की योजनाओं के बारे में आपको विस्तार से पता हो। 2014 में देश में बीजेपी ने केसरिया रंग की जो छटा बिखेरी वह अभी तक देश के आधे से ज्यादा राज्यों में दिख रही है। सरकार की उस योजना पर नजर डालें जिसने किसी विशेष वर्ग, समाज या धर्म को नहीं ब्लकि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा वह था स्वच्छ भारत अभियान। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभाली तो उनकी पहली महत्वकांक्षी योजना में शामिल था स्वच्छता भारत अभियान।
2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को लांच किया और लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। सरकार की इस योजना को विपक्ष ने भले ही हाथों में झाडू लेकर फोटो खिचांने की दिखावा योजना करार दिया हो लेकिन अगर इस पर गहराई से विचार किया जाए तो मानना पड़ेगा कि किसी सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर देश को स्वच्छ रखने की ओर एक कारगार कदम तो उठाया। आम जन का इस ओर ध्यान आकृष्ट तो किया कि अगर देश के नागरिक स्वच्छ तो देश स्वच्छ। तो ये ही अपने आप में सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।
देश को खुले में शौच मुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर बीजेपी सरकार ने बड़ा अभियान चलाया, विपक्ष ने सरकार की इस योजना पर लांछन लगाए, लेकिन योजना को जमीनी स्तर पर लाने के बाद सरकार ने करीब 3.6 लाख गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाया। समस्याएं लोगों को भले ही छोटी लग रही हो लेकिन जो समस्याओं से जूझ रहे थे उनके लिए बड़ी समस्या थी। बात करें महिलाओं की तो उनके लिए एक हर दिन एक जंग जैसा था।
सरकार ने देश की करोड़ों महिलाओं के लिए एक और महत्वाकांक्षी योजना लागू की जिसे हम प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके जरिए गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त में गैस सिलिंडर वितरित किए गए। जनधन योजना भी सरकार की एक महत्वकाक्षी योजना है जिसमें 31.52 करोड़ से ज्यादा जन धन खाते खोले गए और 5.22 करोड़ परिवारों को 330 रुपए के वार्षिक प्रीमियम पर दिए गए जीवन बीमा कवर से फायदा हुआ।
(ब्लॉग लेखिका रीना आर्या इंडिया टीवी में कार्यरत है और शिक्षा, राजनीति एवं समाजिक विषयों पर लेखन में रुचि रखती हैं)