अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रीना आर्या का स्पेशल ब्लॉग-
उन सभी पुरुषों को भी अतंरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं जो इधर की उधर करने में माहिर हैं...जिनका ज्यादातर वक्त हमारी हर एक्टिविटी पर नजर रखने में बीतता है..हमने क्या पहना किस कलर का पहना उनके आखों की चमक हमें ये याद दिलाती है कि हम पर आज कौन सा कपड़ा फब रहा है ....!
इतना हम महिलाओं के पास वक्त नही होता जितना उनके पास हमारे बारे मे बात करने का होता है...अपने फर्ज को वो कहीं भी निभा देते हैं..चाय की चुस्कियों पर या फिर कैंटीन एरिया में..कभी कभी तो वो धुआ उड़ाते हुए भी अपना फर्ज निभा देते हैं.....कुछ ऐसे भी महान पुरुष होते हैं जिनका ज्यादातर वक्त ये सोचने में बीत जाता है कि किस बहाने से आपको परेशान किया जाए....लंबा चौड़ा भाषण भले ही महिला दिवस पर दे दे या फिर अपने वॉल पर जाकर लंबी चौड़ी पोस्ट महिलाओं के सम्मान की बात करते हुए लिख दे लेकिन नजरें और हरकतें कभी नहीं बदलती..।
बातों बातों में जब तुम हमारे पूरे शरीर को अपनी गंदी नजरों से नाप देते हो वो भी एक कला है तुम में जिसका कोई जबाव नहीं...बात तो मुंह से होती है लेकिन नजरें तुम्हारी कही और ही बात कर रही होती हैं...एक सेकेंड नहीं लगता उन्हें हमारा चरित्र डिसाइड करने में..जरा सा जबाव तो दे दो उनकी हरकतों को वो आपको ये बताने में जरा सा भी संकोच नहीं करेंगे की इतिहास उठा कर देख लो महिलाओं को हमेशा से ही पुरुषों के पैर की जूती समझा जाता रहा है और भइया महिलाओं में पुरुषों से कम अक्ल होती ....वाह रे पुरुष महान हो तुम...महिला दिवस की शुभकामओं की लगता है तुमको ज्यादा जरुरत है .... । ऐसे लोगों को मैं बस इतना कहना चाहूंगी औरत केवल एक शरीर भर नहीं है, वह कभी मां, कभी बहन तो कभी पत्नी बनकर अपने हिस्से की हर उस जिंदगी को जीती है जिसका उसे जीने का हक है। हमारी आजादी, हमारे हौसलों को हमारे सपनों को तोड़ने का काम मत करो हम जिंदगी संवारना जानती हैं।
(इस ब्लॉग की लेखिका रीना आर्या पत्रकार हैं और देश के नंबर वन हिंदी न्यूज चैनल इंडिया टीवी में कार्यरत हैं)