नई दिल्ली: साल 2018 की शुरुआत में हज सब्सिडी समाप्त होने के बाद रिकॉर्ड 1,75,025 भारतीय सऊदी अरब जा रहे हैं। इसके साथ ही मेहरम (पुरुष साथी) के साथ हज जाने वाली महिला हाजियों की संख्या 47 फीसदी दर्ज की गई। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां अनुकूलन सह प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा, "आजादी के बाद पहली बार इस साल भारत से 1,75,025 मुसलमान हज के लिए जा रहे हैं। इनमें रिकॉर्ड 47 फीसदी संख्या महिला हाजियों की शामिल है।"
उन्होंने कहा कि हज सब्सिडी हटाने और सऊदी अरब में कई नए कर लागू करने के बावजूद इस साल भारत से कई मुसलमान बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ लिए हज के लिए जा रहे हैं। हालांकि विमानन कंपनियों को इस साल यात्रियों से 57 करोड़ रुपये कम मिलेंगे।नकवी ने कहा, "हज सब्जिडी खत्म होने के बावजूद विमानन कंपनियों को 57 करोड़ रुपये कम भुगतान किए जाएंगे। पिछले साल जहां 1,24,852 हज यात्रियों ने किराए के तौर पर विमानन कंपनियों को 1,030 करोड़ रुपये दिए, वहीं इस वर्ष भारतीय हज समिति के जरिए हज जाने वाले 1,28,702 हाजी किराए के तौर पर सिर्फ 973 करोड़ रुपये देंगे।"
मंत्री ने कहा कि हज यात्रियों को पहली बार जहाज पर चढ़ने के विकल्प दिए गए, जिसे काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने कहा कि 2018 में हज के लिए कुल 3,55,604 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 1,89,217 पुरुष तथा 1,66,387 महिलाएं आवेदनकर्ता थे।उन्होंने कहा, "यह पहली बार हुआ कि भारत से 1,308 महिलाएं बिना मेहरम के हज यात्रा पर गईं।" उन्होंने बताया कि महिला हाजियों की सहायता करने के लिए हज संयोजक, सहायक हज अधिकारी, हज सहायक और स्वास्थ्य कर्मियों सहित कुल 98 महिला कर्मी तैनात हैं।
उन्होंने कहा कि हज के लिए उड़ानें 14 जुलाई से शुरू होंगी, जब दिल्ली, गया, गुवाहाटी, लखनऊ और श्रीनगर के हजयात्री हज पर जाएंगे। 17 जुलाई को कोलकाता, 20 जुलाई को वाराणसी, 21 जुलाई को मेंगलोर, 26 जुलाई को गोवा और 29 जुलाई को औरंगाबाद, चेन्नई, मुंबई और नागपुर के यात्री हज के लिए उड़ान भरेंगे। रांची के यात्री 30 जुलाई, अहमदाबाद, बेंगलुरू, कोचीन, हैदराबाद और जयपुर के यात्री एक अगस्त तथा भोपाल के यात्री तीन अगस्त को हज के लिए उड़ान भरेंगे।