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कर‘नाटक’ अभी बाकी है! विधानसभा से अयोग्य घोषित हुए कांग्रेस के बागी नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

कर्नाटक में कांग्रेस के दो बागी नेताओं ने विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।

Written by: Bhasha
Published : July 29, 2019 19:28 IST
Supreme Court
Supreme Court

नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस के दो बागी नेताओं ने विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। कांग्रेस के दो बागी नेताओं-रमेश एल जारकिहोली और महेश कुमातहल्ली ने के आर रमेश कुमार के निर्णय के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। हालांकि, कुमार ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किए गए इन नेताओं ने अपनी याचिका में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के 25 जुलाई के निर्णय को निरस्त करने का अनुरोध किया है। 

अयोग्य घोषित इन दो विधायकों की ओर से याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता शुभ्रांशु पाधी ने बताया कि अयोग्य घोषित किये गये एक निर्दलीय विधायक आर शंकर की ओर से एक अन्य याचिका मंगलवार को दायर की जायेगी। अयोग्य घोषित किये गए जारकिहोली और कुमातहल्ली की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा मंगलवार को इस मामले का उल्लेख किये जाने की संभावना है। इन नेताओं ने अध्यक्ष द्वारा विधानसभा की सदस्यता से उनके इस्तीफे अस्वीकार करने और अयोग्य घोषित करने के 25 जुलाई का आदेश निरस्त करने का अनुरोध किया है। 

जारकिहोली और कुमातहल्ली ने अपनी याचिका में 11 फरवरी से 25 जुलाई तक के घटनाक्रम का विवरण दिया है और उनके इस्तीफे तथा अयोग्य घोषित करने से संबंधित अध्यक्ष की कार्यवाही का सारा विवरण मंगाने का न्यायालय से अनुरोध किया है। कांग्रेस के इन बागी नेताओं का आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने उनके इस्तीफों पर निर्णय लेने से पहले उन्हें अयोग्य घोषित करने की याचिका पर संविधान की 10वीं अनुसूची में प्रदत्त अधिकार का पूरी तरह गैरकानूनी, मनमाना और दुर्भावनापूर्ण तरीके से इस्तेमाल करके फैसला किया है। 

बागी नेताओं ने अध्यक्ष के उस फैसले को भी चुनौती दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि ये त्यागपत्र स्वेच्छा से नहीं दिये गए थे। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन से 18 विधायकों के इस्तीफे की वजह से कुमारस्वामी की सरकार के सामने राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। बागी विधायकों ने इस मामले को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। इसमें विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। उन्होंने बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था।

शीर्ष अदालत ने 17 जुलाई को अपने आदेश में कहा था कि बागी विधायकों को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही के दौरान इसमें शामिल होने के लिये बाध्य नहीं किया जाये। इसी के अनुसार बागी विधायकों ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया था। विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं करने के बाद कुमारस्वामी सरकार ने 23 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, भाजपा के बी एस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की और 29 जुलाई को उन्होंने विधानसभा में विश्वास मत भी प्राप्त कर लिया। येदियुरप्पा के विश्वास मत प्राप्त करने के बाद सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने अपने पद से अचानक ही इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।

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