नई दिल्ली: दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन के संगठन अलकायदा से अलग होकर पूर्वी और पश्चिमी इराक के सुन्नी समुदायों का खूंखार संगठन आईएसआईएस अब पूरी दुनिया में अपना झंडा लहराना चाहता है। अपने मंसूबों का इल्म करवाने के लिए वो कुछ ऐसे अमानवीय कृत्यों को सरेआम करने से भी नहीं कतराता जिन्हें देख किसी की भी रूह कांप सकती है। ऐसे में जब दुनियाभर के देश इस आतंकी संगठन के खिलाफ लामबंदी कर रहे हैं उस वक्त अपने ठिकानों पर फ्रांस की दखल आईएसआईएस को रास नहीं आई और शायद फ्रांस पर हुआ हमला इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
अबु बकर अल बगदादी के नेतृत्व में दुनिया के नक्शे पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाले संगठन को शुरू-शुरू में तो किसी ने गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि बगदादी से पहले भी कई ऐसे आतंकियों के मंसूबे उफान पर आने से पहले ही नेस्तेनाबूत किए जा चुके हैं, लेकिन अब पानी सर से ऊपर जा चुका है और हाल ही में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के 20 बड़े मुल्क इस संगठन की नींव हिलाने को सहमत हो गए हैं। चलिए जानते हैं कि वो कौन से संभावित कारण हो सकते हैं जिनके कारण आईएसआईएस ने फ्रांस पर इतना बड़ा हमला कर दिया।
पेरिस में हिजाब पर प्रतिबंध से खफा हैं आईएस लड़ाके-
फ्रांस में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनना गैरकानूनी है। मुस्लिम पहनावे जैसे कि बुर्का पर रोक का कानून साल 2010 में पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी के कार्यकाल में बना था। मुस्लिमों में महिलाएं हिजाब या बुर्के का इस्तेमाल अपना चेहरा ढकने के लिए करती हैं। फ्रांस में कई साल से जारी इस प्रतिबंध को लेकर कई हलकों में बहस-मुबाहिसे हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद फ्रांस में इस पर बैन जस का तस है। ऐसा हो सकता है कि मुस्लिम पहनावे को लेकर इस तरह के कठोर कानून की वजह से आईएस ने फ्रांस पर आतंकवादी हमला किया हो।
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