नई दिल्ली। सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार का समर्थन किया है। केजरीवाल ने अपने ट्विटर हेंडल पर लिखा है कि वे गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के सरकार के फैसले से सहमत हैं। केजरीवाल ने लिखा है कि सरकार मौजूदा शीत सत्र के कार्यकाल में बढ़ोतरी करे और गरीब सवर्णों को आरक्षण दिलाने के लिए संविधान संशोधन करवाए। अगर ऐसा नहीं होता है यो यह एक चुनावी स्टंट बनकर रह जाएगा।
राज्य सभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी कहा है कि 10 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन करना होगा, सरकार विशेष सत्र बुलाए, हम सरकार का साथ देंगे। हालांकि उन्होंने इस फैसले को स्वागत योग्य चुनावी जुमला करार दिया है।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले मोदी सरकार ने एक बड़ा दांव चला है। सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया जा रहा है।
केंद्र सरकार आरक्षण के इस नए फारमुले को लागू करने के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी। सूत्रों के मुताबिक सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोग इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे, इसके लिए सरकार मंगलवार को संसद में संविधान संशोधन का बिल पेश कर सकती है। बता दें कि लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछले सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की जा रही थी।
सूत्रों के मुताबिक आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे सवर्ण परिवार इस आरक्षण के हकदार होंगे जिनकी सालाना कमाई 8 लाख रुपए से कम होगी, जिसके पास 5 हेक्टेयर से कम जमीन होगी, जिनका घर 1000 स्क्वेयर फीट से कम क्षेत्रफल का हो, अगर घर नगरपालिका में होगा तो प्लाट का आकार 109 यार्ड से कम होना चाहिए और अगर घर गैर नगर पालिका वाले शहरी क्षेत्र में होगा तो प्लाट का आकार 209 यार्ड से कम होना चाहिए।