नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने चलन से हटाये गए 500 और 1,000 रुपये के नोटों समेत सभी राशि के नोटों की गणना, उसकी छंटाई तथा सत्यापन के लिये 50 मुद्रा सत्यापन और प्रसंस्करण मशीन लेने की योजना बनायी है। केंद्रीय बैंक ने इन मशीनों के लिये वैश्विक निविदा जारी की है। इन मशीनों को देश भर में अपने 18 क्षेत्रीय कार्यालयों में लगाने की योजना है।
अनुरोध प्रस्ताव के तहत मशीन कंप्यूटर आधारित और माइक्रोप्रोसेसर नियंत्रित होना चाहिए। साथ ही इसे नोटों के प्रसंस्करण, गिनती तथा छंटाई और सत्यापन में सक्षम होना चाहिए। इन मशीनों से यह पता लगाया जाएगा कि कोई नोट चलन के लिये उपयुक्त हैं या नहीं। ये मशीने खारिज नोट, संदिग्ध फर्जी नोट की पहचान तथा डिजाइन और श्रृंखला के आधार पर भी नोटों की छंटाई करेंगी।
इसमें कहा गया है कि प्रत्येक मशीन की कम-से-कम 30 बैंक नोट प्रति सेकेंड प्रसंस्करण की क्षमता होनी चाहिए। अनुरोध प्रस्ताव के तहत, मुद्रा सत्यापन एवं प्रंसस्करण प्रणाली सीवीपीएस को कपास और कपास तथा पालीमर का मिश्रण एवं हाइब्रिड तत्व जैसे विभिन्न तत्वों वाले बैंक नोटों के अनुरूप होना चाहिए।
देश में मुद्रा की डिजाइन और विशेषताएं अलग-अलग हैं। निविदा में कहा गया है, मशीन को सभी राशि और श्रृंखला के भारतीय बैंक नोट 500 और 1,000 रुपये के नोट समेत के प्रसंस्करण में सक्षम होना चाहिए।
वित्त मंत्रालय के अनुसार आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के समय 500 रुपये के 1,716.50 करोड़ तथा 1,000 रुपये के 685.80 करोड़ नोट चलन में थे। रिजर्व बैंक ने चलन से हटाये जाने के बाद बैंकों के पास जमा नोट की राशि के बारे में अबतक घोषणा नहीं की है।