नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई घोषणाओं की सराहना की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बहुत बड़े कदम उठाए हैं। कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न गंभीर आर्थिक संकट से निपटने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की कटौती करने का ऐलान किया है। मोदी ने ट्विटर पर लिखा है कि आरबीआई की घोषणा से तरलता बढ़ेगी, कोष की लागत कम होगी, मध्यम वर्ग और उद्योगों को मदद मिलेगी।
सीतारमण ने बैंकों से घटी दर का लाभ ग्राहकों को शीघ्र देने की अपील की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने और कर्ज सस्ता करने के लिए शुक्रवार को घोषित रिजर्व बैंक के कदमों की सराहना की है। उन्होंने रेपो दर में की गई कटौती का लाभ जल्द से जल्द ग्राहकों तक पहुंचाने पर भी जोर दिया। रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद शुक्रवार को इसके परिणामों की घोषणा की। रेपो दर को 0.75 प्रतिशत घटाकर 4.40 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 0.90 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही नकद आरक्षित अनुपात में एक प्रतिशत कटौती कर उसे तीन प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा कर्ज वसूली किस्तों पर तीन महीने की रोक लगाने और कार्यशील पूंजी के ब्याज भुगतान से छूट देने जैसे उपायों की भी घोषणा की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस घोषणा के तुरंत बाद जारी अपने ट्वीट में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के रिजर्व बैंक गवर्नर के आश्वासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि कर्ज किस्तों के भुगतान और कार्यशील पूंजी के ब्याज पर तीन महीने के लिए रोक लगाने के कदम जरूरी राहत पहुंचाने वाले कदम हैं। ब्याज दरों में कमी का लाभ ग्राहकों तक जल्द से जल्द पहुंचाया जाना चाहिए।
उद्योगों और कर्ज लेने वालों की यह शिकायत रही है कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में पिछले कुछ माह के दौरान भारी कटौती किये जाने के बावजूद बैंकों ने कर्ज की दर में उतनी कटौती नहीं की है। अब जबकि रिजर्व बैंक ने रेपो दर में पौना प्रतिशत की कटौती की है तो कर्ज पर भी ब्याज दर में इसी के अनुरूप कटौती की जानी चाहिये। वित्त मंत्री ने भी ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक जल्द से जल्द पहुंचाने पर जोर दिया है।