नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि सरकार का हमेशा से मानना रहा है कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा राज्यसभा में आधार विधेयक पेश करते हुए दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए प्रसाद ने कहा, "क्या निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है?..हां है, लेकिन सीमाओं के साथ।"
प्रसाद ने कहा, "सरकार पहले ही स्वीकार कर चुकी है कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार के तहत आता है।"उन्होंने कहा, "महान्यायवादी ने भी सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा था कि यह मौलिक अधिकार है। लेकिन, अन्य मौलिक अधिकारों की ही तरह निजता का अधिकार भी संपूर्ण अधिकार नहीं है।"
आपको बता दें कि राइट टू प्राइवेसी पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और कहा कि सरकार आम लोगों के जीवन में दखल नहीं दे सकती। इस फैसले के बाद आधार के भविष्य पर भी संकट छा गया है। सुप्रीम कोर्ट की नौ न्यायाधीशों प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर, न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति आर. के. अग्रवाल, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर वाली संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया।