नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर शेर के साथ संत मोरारी बापू की तस्वीर पर विवाद खड़ा हो गया है। ऐसी ही शेर के साथ वाली तस्वीर को सामने रखकर क्रिकेटर रवींद्र जडेजा ने सवाल उठाया है। क्रिकेटर का सवाल ये है कि पाबंदी वाले सीजन में शेर के साथ तस्वीर खिंचाने पर उन पर जुर्माना लगा था तो संत पर जुर्माना क्यों नहीं लगा है? बता दें कि मोरारी बापू के लिए ये गिर के जंगलों में उनकी धार्मिक परिक्रमा का हिस्सा थी। बकायदा गिर सेंचुरी के वन विभाग से इजाज़त लेकर वो परिक्रमा करने जंगल में आए थे। अब उनके आने से शेर क्यों आ गया ये पता नहीं। लेकिन अब इस पर सवाल उठने लगा है क्योंकि हर साल गर्मियों में 16 जून से 16 अक्टूबर तक टूरिस्टों के लिए गिर बंद रहती है। यानी 4 महीने के दौरान किसी भी पर्यटक को गिर के जंगल में सैर-सपाटा की इजाज़त नहीं होती। ऐसे में क्या मोरारी बापू को सेंचुरी में अंदर जाने का स्पेशल परमिशन मिला और इस परमिशन के तहत वो सेंचरी की परिक्रमा कर रहे थे या फिर अंदर का नज़ारा ले रहे थे? ये भी पढ़ें: हनीप्रीत ने राम रहीम के साथ नायजाज रिश्ते को कबूला, उगले सारे राज?
गिर सेंचुरी में मोरारी बापू की शेर के साथ तस्वीर आने के बाद सर रवींद्र जडेजा सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गए और ट्वीटर की दुनिया में अपनी फिरकी डाल दी> सर जडेजा ने तंज कसते हुए पूछा कि, “हाहा….वही जगह, वही कहानी लेकिन शख्सियत अलग-अलग। मैं देखना चाहता हूं कि अब वो क्या करने जा रहे हैं।“
गौरतलब है कि पिछले साल जून महीने में रवींद्र जडेजा पत्नी और दोस्तों के साथ गिर के जंगल के सैर-सपाटे के लिए गए थे। सेंचुरी में उनकी मुलाक़ात शेर से हुई तो वो गाड़ी से नीचे उतरे और बैकग्राउंड में शेर के साथ तस्वीरें खिंची और इन तस्वीरों को ट्वीटर पर पोस्ट कर दिया जिसके बाद बखेड़ा खड़ा हो गया। सवाल उठे कि एक क्रिकेटर को, एक वीआईपी को जंगल के क़ानून की धज्जियां उड़ाने की इजाज़त कैसे दी गई।
दरअसल, रवींद्र जडेजा ने फोटो खिंचवाकर वाइल्ड लाइफ़ क़ानून का उल्लंघन किया था। ज़मीन पर उतरकर शेर के साथ फोटो खिंचवाने की इजाज़त किसी को नहीं होती जबकि क्रिकेटर जडेजा ने 12 से 13 फ़ीट की दूरी पर शेर के साथ तस्वीरें खिंचवाईं। नियमों के मुताबिक किसी टूरिस्ट को नज़दीक से शेर के साथ फ़ोटो खिंचवाने की इज़ाज़त नहीं होती।
गिर के जंगल में शेर के साथ पोज़ देकर रवींद्र जडेजा ऐसे फंसे कि फ़साना बन गया। हंगामा बढ़ा तो जांच बिठाई गई और जडेजा को वाइल्ड लाइफ़ क़ानून के तहत 20000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा लेकिन दोनों की तस्वीरों में एक बात कॉमन ज़रुर है।
जूनागढ़ की गिर सेंचुरी में बापू को भी भरपूर वीवीआईपी ट्रीटमेंट मिला और रवींद्र जडेजा को भी। शेर के बाद दोनों की तस्वीरें जब सामने आई तो उनके साथ वन विभाग के कर्मचारी मौजूद थे। ऐसे में सवाल इतना है कि वन विभाग के कर्मचारियों की मौजूदगी में किसी शख्स को जंगल का क़ानून तोड़ने की इजाज़त क्यों दी गई। अगर विवाद होने पर क्रिकेटर जडेजा को जुर्माना भरना पड़ा तो बापू की शेर वाली तस्वीर आने के बाद जांच क्यों नहीं बिठाई गई?