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भारतीय अमेरिका में नौकरियां चुराते नहीं, बनाते हैं: रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने एच1-बी वीजा मसले पर अमेरिका से अपनी चिंता जाहिर की है और कहा कि भारतीय वहां नौकरियां चुराते नहीं, बल्कि नौकरियों का सृजन करते हैं।

IANS
Published : March 17, 2017 18:44 IST
Ravi shankar Prasad
Ravi shankar Prasad

मुंबई: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने एच1-बी वीजा मसले पर अमेरिका से अपनी चिंता जाहिर की है और कहा कि भारतीय वहां नौकरियां चुराते नहीं, बल्कि नौकरियों का सृजन करते हैं। प्रसाद ने यहां आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा, "हमने उच्चतम स्तर (अमेरिकी प्रशासन) पर अपनी चिंता व्यक्त की है और मुझे उम्मीद है कि अमेरिकी प्रशासन यह समझेगा कि भारतीय कंपनियां नौकरियां चुरा नहीं रहीं, बल्कि वे एक बेहतर भारत और बेहतर अमेरिका बनाने के लिए नौकरियां पैदा कर रही हैं।"

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उन्होंने कहा, "भारतीय आईटी कंपनियां 80 देशों के 200 शहरों में मौजूद हैं, जिसमें अमेरिका भी शामिल है। खासतौर से अमेरिका में पिछले पांच सालों में भारतीय आईटी कंपनियों ने 20 अरब डॉलर का कर चुकाया है। उन्होंने वहां 4 लाख लोगों को रोजगार दिया है। उन्होंने फार्चून 500 कंपनियों के लिए करीब 75 फीसदी मूल्यवृद्धि की है। भारतीय आईटी पहल अमेरिका के लिए एक संपत्ति है।"

भारत सरकार ने कहा है कि भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद कर रहे हैं। भारत के डिजिटल अभियान के बारे में प्रसाद ने कहा कि सरकार के 'डिजिटल इंडिया' और 'स्टार्ट-अप इंडिया' कार्यक्रम से देश में डिजिटल खाई को पाटने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा, "डिजिटल भारत वंचितों के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।" उन्होंने कहा कि देश के 1.25 अरब लोगों में से 1.08 अरब लोगों के पास मोबाइल कनेक्शन है। 

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