नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में महालूट और महावसूली की सरकार चल रही है। जहां टारगेट 100 करोड़ का है, इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी वसूली होती होगी। उन्होंने कहा कि सचिन वाजे जैसा असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर जो कि सस्पेंड था और सस्पेंशन के दौरान शिवसेना मेंबर बना और पार्टी में काम करने लगा। लेकिन कोरोना काल में इसे नौकरी पर बहाल कर लिया गया। यही सज्जन हैं जिनको उद्धव ठाकरे ने पाक-साफ व्यक्ति कहा था और अब एटीएस ने कहा कि मनसुख हिरेन की हत्या में शामिल थे। फिर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा कि 100 करोड़ उगाही का टारगेट मिला था और अब ये कहानी आई कि महाराष्ट्र में ट्रांसफर पोस्टिंग का रैकेट चलता है।
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया और कहा कि एनआईए के एक्ट में ये प्रावधान है कि मुख्य के से जुड़े अन्य केस की जांच भी एनआईए करेगी लेकिन हो क्या रहा है ? मनसुख हिरेन हत्या की जांच भी एनआई मांग रही है लेकिन महाराष्ट्र की सरकार सहयोग नहीं कर रही है। दरअसल ये लूट और वसूली की सरकार है।
शिवसेना-एनसीपी द्वारा महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाने के सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुछ भी मामला उठता है तो यही कहा जाता है कि हमारी सरकार को कमजोर करने की कोशिश की जाती है। पालघर साधुओं का मुद्दा हो या सुशांत का मुद्दा हो ते ये यही कहते हैं कि सरकार को परेशान किया जा रहे है। यही लोग एनआईए को जांच करने नहीं दे रही हैं और हम पर आरोप लगा रहे हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा-'महाराष्ट्र में सरकार कौन चला रहा है ये पूछो तो शरद पवार कहते हैं मुख्यमंत्री बताएंगे, शिवसेना कहती है अनिल देशमुख से पूछो। रविशंकर प्रसाद ने कहा-'मैं शरद पवार का सम्मान करता हूं, वे चार बार मुख्यमंत्री रहे, केंद्रीय मंत्री रहे और ऐसे व्यक्ति ने कहा कि देशमुख कोरोना में आइसोलेशन में थे और अब ये साबित हो गया कि वो क्वारंटीन नहीं थे। कोरोना से पीड़ित कोई प्रेस मीट करता है क्या? उन्होंने कहा कि अस्पताल से निकले तो क्वारंटीन हो गए। प्राइवेट प्लेन में 8 लोगों के साथ य़ात्रा किया।सिक्योरिटी मूवमेंट से साबित हो गया कि वो कहा थे। हमने कहा है कि आप अपने गृह मंत्री से इस्तीफा लीजिए। '
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