नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि शरद पवार की राजनीतिक साख पर लगा धब्बा सिर्फ अनिल देशमुख के त्यागपत्र से ही धुल सकता है। उन्होंने कहा, "देश के बड़े नेता हैं, 4 बार मुख्यमंत्री रहे हैं, भारत सरकार के रक्षामंत्री रहे हैं और देश में उनका एक सियासी रसूख है। कल उनसे क्या बुलवा दिया गया भाई। शरद पवार जी की ऐसी क्या मजबूरी है कि गृहमंत्री (राज्य के) को इतना डिफेंड कर रहे हैं।"
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "पहले कहा गया कि क्वॉरंटीन में हैं, तो पता चला की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। आप एक चीज बता दीजिए कि कोई व्यक्ति अगर कोरोना से ग्रसित है तो क्या आप उसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाएंगे और क्या उनकी बाइट लेंगे और वह भी ऐसे गृहमंत्री, जिन्होंने मास्क भी नहीं पहना था। किसे मूर्ख बनाया जा रहा है? इस सवाल का जवाब शरद पवार जी को देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, "मुंबई की पुलिस उन सभी का मूवमेंट रिकॉर्ड करती है, जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली है। उनका प्लेन की मूवमेंट हुई, अगर वो बीमार हैं तो क्या प्लेन में जा सकते हैं।" उन्होंने कहा, "मैं ये नहीं कहूंगा कि क्वारंटीन एक बहाना है लेकिन ये सारी चीजें बड़े सवाल खड़े करती हैं।" प्रसाद ने कहा, "शरद पवार जी आप ये क्यों बोल गए? आपकी एक विश्वसनीयता है, आप एक बड़े नेता हैं और हम भी आपकी इज्जत करते हैं। आपके ऊपर ऐसा क्या दबाव था कि आपको गलत तथ्यों के आधार पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री का बचाव करना पड़ा।"
उन्होंने कहा, "शरद पवार की राजनीतिक साख पर जो धब्बा लगा है उसको साफ करने का एकमात्र रास्ता है कि अनिल देशमुख का गृहमंत्री पद से त्यागपत्र करवाइए।" रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हम कुछ भी कहते हैं तो हमारे बारे में कहा जाता है कि महाअघाड़ी को गिराने की साजिश है। पालघर में साधुओं की हत्या पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, नेवी के पूर्व अधिकारी को बुरी तरह से पीटा गया, सुशांत सिंह राजपूत की दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या पर सवाल पूछा गया, 2 मंत्रियों को लेकर एक समय काफी विषय आया था, अब जब भ्रष्टाचार का विषय उठाया जा रहा तो फिर से वही तर्क दिया जा रहा है कि महाअघाड़ी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है।"
उन्होंने कहा, "आप वसूली करेंगे 100 करोड़ का टारगेट रखेंगे, एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड था, उसके बारे में उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह कोई ओसामा बिन लादेन नहीं है। एक मुख्यमंत्री, असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर का बचाव कर रहा था। उद्धव ठाकरे की सरकार शासन का नैतिक अधिकार खो चुकी है, यह सिर्फ वसूली की महाअघाड़ी है।"