भुवनेश्वर: पुरी में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा का उत्सव शुक्रवार को भगवान के 'नव यौवन दर्शन' के साथ शुरू हो गया, जिसके दौरान 'अनासरा घर' में 14 दिन रहने के बाद उनकी युवावस्था की पूजा की जाती है। उत्सव शुरू होने के मद्देनजर, राज्य सरकार ने 11 जुलाई से पुरी शहर में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। विशेष राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, रथ यात्रा से एक दिन पहले 11 जुलाई को रात आठ बजे कर्फ्यू लगाया जाएगा और 13 जुलाई को सुबह आठ बजे तक जारी रहेगा।
इस साल, रथ यात्रा 12 जुलाई को होगी। अधिकारियों ने बताया कि पुरी शहर के सभी प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भक्तों को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। उप-जिलाधिकारी भबतारण साहू ने कहा कि शहर में प्रतिबंधों को और बढ़ाया जा सकता है।
अधिसूचना के अनुसार, 16 जुलाई तक उच्च संक्रमण दर वाले 10 तटीय जिलों में लगाए गए सप्ताहांत बंद में पुरी शहर में प्रतिबंधों में कुछ ढील दी जाएगी। त्रिदेव- भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा 'अनासरा घर' में 14 दिन बिताने के बाद 'नव यौवन दर्शन' के दौरान प्रकट हुए।
हालांकि, श्रद्धालु उत्सव में सीधे भाग नहीं ले सकेंगे क्योंकि महामारी के कारण किसी को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। राज्य सरकार ने लोगों से उत्सव के दौरान पुरी नहीं जाने और टीवी पर रथ यात्रा का सीधा प्रसारण देखने की अपील की है। आमतौर पर रथ यात्रा के दौरान पुरी में लगभग 10 लाख लोग इकट्ठा होते हैं।
ये भी पढ़ें
- तीन सौ से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार करने वाला व्यक्ति कोरोना से जंग हारा
- कोरोना ने बरपाया कहर, अब तक जान गंवा चुके हैं 740 से ज्यादा डॉक्टर्स
- कोरोना मरीज के जाने के बाद 2 से 3 घंटे बाद तक भी हवा में रहता है वायरस, तीन सेंट्रल लैब ने चेताया
- सिलेब्रिटी, नेता कैसे खरीद रहे कोविड-19 रोधी दवाएं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकारा